प्रतीकात्मक फोटो
पटना:
बिहार के चर्चित सेनारी नरसंहार मामले में जहांनाबाद के सेशन कोर्ट ने 15 लोगों को दोषी करार दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी बनाए गए 23 लोगों को बरी कर दिया था. 18 मार्च 1999 को सेनारी का नाम तब चर्चा में आया था जब यहां सवर्ण समाज से जुड़े 34 लोगों को निर्ममता से मौत के घाट उतार दिया गया था.
मामले में आरोपी बनाए गए ज्यादातर लोग भाकपा (माओवादी) से जुड़े थे. इस मामले में कोर्ट 15 नवंबर को दोषियों को सजा सुनाएगी. जानकारी के अनुसार, सेनारी में नक्सली 18 मार्च को एक जाति विशेष के लोगों को घरों से उत्तर सामुदायिक भवन के पास बधार ले गये थे. वहां उनकी गर्दन रेतकर हत्या कर दी गई थी.
मामले में चिंता देवी के बयान पर गांव के 14 लोगों सहित 50 से अधिक लोगों को अभियुक्त बनाया गया था. चिंता देवी के पति व उनके बेटे की भी वारदात में हत्या कर दी गई थी. मुकदमा लंबे समय तक चला. इस दौरान वादी चिंता देवी की पांच साल पहले मौत हो चुकी है. चार आरोपियों की भी मौत हो चुकी है. इस हत्याकांड के 66 गवाहों में से 32 ने सुनवाई के दौरान गवाही दी.
मामले में आरोपी बनाए गए ज्यादातर लोग भाकपा (माओवादी) से जुड़े थे. इस मामले में कोर्ट 15 नवंबर को दोषियों को सजा सुनाएगी. जानकारी के अनुसार, सेनारी में नक्सली 18 मार्च को एक जाति विशेष के लोगों को घरों से उत्तर सामुदायिक भवन के पास बधार ले गये थे. वहां उनकी गर्दन रेतकर हत्या कर दी गई थी.
मामले में चिंता देवी के बयान पर गांव के 14 लोगों सहित 50 से अधिक लोगों को अभियुक्त बनाया गया था. चिंता देवी के पति व उनके बेटे की भी वारदात में हत्या कर दी गई थी. मुकदमा लंबे समय तक चला. इस दौरान वादी चिंता देवी की पांच साल पहले मौत हो चुकी है. चार आरोपियों की भी मौत हो चुकी है. इस हत्याकांड के 66 गवाहों में से 32 ने सुनवाई के दौरान गवाही दी.
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