मुंबई:
महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग एड्मिनिस्ट्रेशन ने ऑनलाईन दवाई बेचने पर पाबंदी लगा दी है। एफडीए के मुताबिक ड्रग और कॉस्मेटिक कानून के तहत सिर्फ लाईसेंस रिटेलर ही दवाई बेच सकते हैं, वो भी डॉक्टर के लिखने पर ही।
एफडीए कमीश्नर डॉ. हर्षदीप कांबले ने एक आदेश पारित कर लिखा है कि स्नैपडील जैसी एजेंसी खुद को डॉक्टर और फार्मासिस्ट नहीं समझ सकती। इसलिये स्नैपडील को दवाईयों की सूची अपनी वेबसाईट से हटाने का आदेश दिया है।
कमीश्नर ने अफसरों को आदेश दिया है कि वो फ्लिपकार्ट और अमेजॉन की भी जांच कर सुनिश्चित करे कि कहीं वो भी तो ऑनलाईन दवाईयां नही बेच रहे? एफडीए के मुताबिक ये पता चला था कि ऑनलाईन शॉपिंग कंपनी स्नैपडील Ascoril कफ सिरप ओर विगोरा टैबलेट जैसी दवाईयां बिना डॉक्टरों के प्रिस्क्रिप्शन के बेच रही है।
कंपनी ने वेबसाईट पर दवाईयों के ऑफर की सूची भी डाल रखी थी। 16 अप्रैल को कंपनी के गोरेगांव दफ्तर की जांच की गई और उससे दवाई बेचने से जुड़े सारे दस्तावेज और उसमें शामिल सेल्समेन की जानकारी मांगी गई है। साथ ही उसे वेबसाईट पर से तुरंत दवाईयों की सूची हटाने का आदेश भी दिया गया है।
एफडीए कमीश्नर डॉ. हर्षदीप कांबले ने एक आदेश पारित कर लिखा है कि स्नैपडील जैसी एजेंसी खुद को डॉक्टर और फार्मासिस्ट नहीं समझ सकती। इसलिये स्नैपडील को दवाईयों की सूची अपनी वेबसाईट से हटाने का आदेश दिया है।
कमीश्नर ने अफसरों को आदेश दिया है कि वो फ्लिपकार्ट और अमेजॉन की भी जांच कर सुनिश्चित करे कि कहीं वो भी तो ऑनलाईन दवाईयां नही बेच रहे? एफडीए के मुताबिक ये पता चला था कि ऑनलाईन शॉपिंग कंपनी स्नैपडील Ascoril कफ सिरप ओर विगोरा टैबलेट जैसी दवाईयां बिना डॉक्टरों के प्रिस्क्रिप्शन के बेच रही है।
कंपनी ने वेबसाईट पर दवाईयों के ऑफर की सूची भी डाल रखी थी। 16 अप्रैल को कंपनी के गोरेगांव दफ्तर की जांच की गई और उससे दवाई बेचने से जुड़े सारे दस्तावेज और उसमें शामिल सेल्समेन की जानकारी मांगी गई है। साथ ही उसे वेबसाईट पर से तुरंत दवाईयों की सूची हटाने का आदेश भी दिया गया है।
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