दिल्ली की एक अदालत ने दस साल की मासूम बेटी के बलात्कार करने वाले बाप को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश इला रावत ने फैसला सुनाते हुए कहा, पीड़िता के बयान से स्पष्ट रूप से उसकी दुर्दशा और व्यथा सामने आती है। यह गौरतलब है कि दोषी की हरकतों के कारण पीड़िता और उसकी छोटी बहनें और भाई अब बालगृह में अनाथों की जिंदगी जी रहे हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा, दोषी की निंदनीय और अकल्पनीय कारगुजारियों के कारण उसके प्रति किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जा सकती और मैं भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2)(एफ) :12 साल से कम उम्र की लड़की का बलात्कार: के तहत किए गए अपराधों के लिए दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाता हूं।’’ अदालत ने रेखांकित किया कि पीड़िता की मां संदिग्ध परिस्थितियों में 2011 में लापता हो गई और 40 साल का व्यक्ति पीड़िता और उसके तीन भाई बहन के लिए इकलौता सहारा था।
अदालत ने ओडिशा से ताल्लुक रखने वाले दोषी पर 10 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया।
अदालत ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह ‘बहालीकारी एवं क्षतिपूर्तिकारी न्याय योजना’ :आरसीजेएस: के तहत पीड़िता के कल्याण एवं पुनर्वास के लिए दो लाख रूपये का मुआवजा दे।
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