
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला
उधमपुर:
पिछले दिनों पीओके को लेकर विवादित बयान देने वाले नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की पार्टी जम्मू-कश्मीर में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को ये ऐलान किया कि उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में अगला विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी और उसे अपने दम पर व्यापक जनादेश मिलने का विश्वास है.
फारूक ने मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 'हम किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. जम्मू-कश्मीर के सामने जो समस्याएं हैं, उनका जवाब एक स्थिर, मजबूत और जन हितैषी सरकार है.'
फारूक ने कहा कि सरकार बनाने के तत्काल बाद नेशनल कांफ्रेंस विधानसभा के पहले सत्र में ही क्षेत्रीय स्वायत्तता को लेकर एक विधेयक लाएगी. उन्होंने कहा कि वे समाज के हर तबके तथा हर क्षेत्र को राजनीतिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाएंगे. फारूक ने पार्टी कार्यकर्ताओं से इस बड़ी चुनौती को स्वीकार करने और नेशनल कांफ्रेंस को मजबूत करने के लिए तैयार होने को कहा.
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उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए उस पर देश को धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने उन स्वतंत्रता सेनानियों के विचारों को नकार दिया है जिन्होंने भारत को ब्रिटिश शासन के पंजों से मुक्त कराने के लिए कुर्बानियां दीं. आरएसएस पर हमला बोलते हुए नेशनल कांफ्रेंस नेता ने आरोप लगाया कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान संघ के बड़े अधिकारियों ने अंग्रेजों की तारीफ की थी और अब इसके लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे को सम्मान दे रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि राजेश्वर राव की लिखी किताब के मुताबिक 1975 में आपातकाल के दौरान संघ ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का समर्थन किया था और जबरन परिवार नियोजन करने के अभियान के ऐवज में यह समर्थन दिया गया. उन्होंने अमेरिका द्वारा यरूशलम को इस्राइल की राजधानी कहे जाने के विषय पर भी भाजपा नीत राजग सरकार के रुख पर सवाल उठाया.
VIDEO: कश्मीर मसले पर फारूक अब्दुल्ला के बयान पर विवाद (इनपुट भाषा से)
पिछले दिनों पीओके को लेकर विवादित बयान देने वाले नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की पार्टी जम्मू-कश्मीर में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को ये ऐलान किया कि उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में अगला विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी और उसे अपने दम पर व्यापक जनादेश मिलने का विश्वास है.
फारूक ने मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 'हम किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. जम्मू-कश्मीर के सामने जो समस्याएं हैं, उनका जवाब एक स्थिर, मजबूत और जन हितैषी सरकार है.'
फारूक ने कहा कि सरकार बनाने के तत्काल बाद नेशनल कांफ्रेंस विधानसभा के पहले सत्र में ही क्षेत्रीय स्वायत्तता को लेकर एक विधेयक लाएगी. उन्होंने कहा कि वे समाज के हर तबके तथा हर क्षेत्र को राजनीतिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाएंगे. फारूक ने पार्टी कार्यकर्ताओं से इस बड़ी चुनौती को स्वीकार करने और नेशनल कांफ्रेंस को मजबूत करने के लिए तैयार होने को कहा.
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उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए उस पर देश को धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने उन स्वतंत्रता सेनानियों के विचारों को नकार दिया है जिन्होंने भारत को ब्रिटिश शासन के पंजों से मुक्त कराने के लिए कुर्बानियां दीं. आरएसएस पर हमला बोलते हुए नेशनल कांफ्रेंस नेता ने आरोप लगाया कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान संघ के बड़े अधिकारियों ने अंग्रेजों की तारीफ की थी और अब इसके लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे को सम्मान दे रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि राजेश्वर राव की लिखी किताब के मुताबिक 1975 में आपातकाल के दौरान संघ ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का समर्थन किया था और जबरन परिवार नियोजन करने के अभियान के ऐवज में यह समर्थन दिया गया. उन्होंने अमेरिका द्वारा यरूशलम को इस्राइल की राजधानी कहे जाने के विषय पर भी भाजपा नीत राजग सरकार के रुख पर सवाल उठाया.
VIDEO: कश्मीर मसले पर फारूक अब्दुल्ला के बयान पर विवाद (इनपुट भाषा से)
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