दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन ‘कांग्रेस प्रायोजित’ : बोम्मई

बोम्मई की टिप्पणी के कारण सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिससे कुछ समय के लिए सदन में हंगामे की स्थिति रही.

दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन ‘कांग्रेस प्रायोजित’ : बोम्मई

बोम्मई की टिप्पणी के कारण सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक हुई.

बेंगलुरू :

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को सोमवार को ‘कांग्रेस  प्रायोजित' बताया, जिसे लेकर विधानसभा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल कांग्रेस के बीच कहासुनी हुई.बोम्मई ने सदन में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की, विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने इसकी कटु आलोचना की. बोम्मई ने कहा, ''दिल्ली में यह (किसानों का विरोध) आपके (कांग्रेस) द्वारा प्रायोजित है. किसान दिल्ली के आसपास आंदोलन कर रहे हैं. यह देश में कहीं और नहीं हुआ, क्योंकि यह प्रायोजित है.'' कांग्रेस नेताओं और विधायकों ने इसका कड़ा विरोध किया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने इस बयान को किसानों का ''अपमान'' करार दिया और बोम्मई से माफी मांगने को कहा. नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया ने इसे ''सबसे गैर जिम्मेदाराना'' टिप्पणी करार दिया.

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बोम्मई की टिप्पणी के कारण सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिससे कुछ समय के लिए सदन में हंगामे की स्थिति रही. हालांकि, मुख्यमंत्री ने अपनी टिप्पणी पर कायम रहते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा से होने का दावा करने वाले किसानों का आंदोलन प्रायोजित है. उन्होंने कहा, ''इसकी एक राजनीतिक पृष्ठभूमि है, यह आपके द्वारा प्रायोजित है. यह एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर राजनीति के लिए है.'' बोम्मई ने आरोप लगाया कि आंदोलन के पीछे बाजारों के कमीशन एजेंटों का भी हाथ है क्योंकि वे नए कृषि कानूनों से चिंतित हैं. उन्होंने कांग्रेस से देश के लोगों को  ''गुमराह'' नहीं करने को कहा.

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रमेश कुमार ने पूछा कि क्या आंदोलन ''विदेशी ताकतों'' द्वारा प्रायोजित है और इसके पीछे किसका हाथ है. इस पर बोम्मई ने कहा कि 1972-75 में इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान चाहे किसानों का आंदोलन हो या फिर मजदूरों का, हर किसी के पीछे ऐसी ताकतों का हाथ बताया जाता था.  उन्होंने कहा, ''लेकिन हम विदेशी हाथ होने की बात नहीं कह रहे हैं, क्योंकि विदेशी एजेंट पहले से ही प्रशासन के करीब रहे हैं... विदेशी एजेंट और कमीशन एजेंट जो  ‘एपीएमसी' को नियंत्रित करना चाहते हैं, वे इस विरोध को प्रायोजित कर रहे हैं.''

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बोम्मई ने सिद्धरमैया पर उनकी हालिया टिप्पणियों के लिये हमला बोला, जिसमें उन्होंने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों पर ''आपराधिक लूट'' का आरोप लगाया था. बोम्मई ने चर्चा की शुरुआत करते हुए पूछा, ''क्या इसका मतलब यह है कि अतीत में सभी दलों की सरकारों ने कीमतें बढ़ाकर आपराधिक लूट की है?'' जवाब में, सिद्धरमैया ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने बयान में इस बात को स्वीकार किया है कि आपराधिक लूट हुई है. सिद्धरमैया ने कहा कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों का इस्तेमाल किया है, जिन्होंने 1973 में इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान ईंधन की कीमतों में सात पैसे की वृद्धि के विरोध में जनसंघ का सांसद रहते हुए ऐसी ही बात कही थी.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)