मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) की कृषि ऋण माफी योजना (Farmer loan waiver scheme) को हटाया जा सकता है. कमलनाथ ने राज्य के सीएम पद की शपथ लेने के कुछ ही घंटों बाद राज्य के किसानों के दो लाख रुपये तक के ऋण माफ करने की घोषणा की थी. हालाकि मामला अभी खत्म नहीं हुआ है. राज्य में नवगठित शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने उन सभी किसानों से पूर्व कांग्रेस सरकार, कमलनाथ और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर केस कराने की अपील की है जिन्हें कर्ज माफी के सर्टिफिकेट दिए गए थे, लेकिन कर्ज माफ नहीं हुए. मध्यप्रदेश में कांग्रेस जब सत्ता में आई थी, उस समय राहुल पार्टी के अध्यक्ष थे.
दिसंबर 2018 में कमलनाथ के सीएम पद संभालने के कुछ ही घंटों के भीतर "जय किसान फसल ऋण माफी योजना" घोषित की गई थी. राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी ने उस समय राज्य में सत्ता में आने पर 10 दिनों के भीतर 2 लाख तक के कृषि ऋणों को माफ करने का वादा किया था. राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल (Kamal Patel) ने NDTV के साथ एक विशेष बातचीत में कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि बकाया ऋणों को माफ किया गया है या नहीं. उन्होंने कहा, “सीएम के रूप में शपथ लेने के दो घंटे के भीतर, कमलनाथ ने राहुल गांधी की ओर से किए गए चुनावी वादे के अनुरूप 48 लाख किसानों के 54,000 करोड़ रुपये के कृषि ऋण को माफ करने के लिए फ़ाइल पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन पात्र किसानों को केवल सर्टिफिकेट बांटे गए. यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि बकाया ऋणों को माफ किया गया है या नहीं,"
मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों से कांग्रेस पर केस करने की अपील की है
कृषि मंत्री ने उन किसानों, जिन्हें सर्टिफिकेट तो मिला है लेकिन कर्ज माफ नहीं हुआ है, से कमलनाथ और राहुल गांधी के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के मामलों का केस दर्ज कराने को कहा है. पटेल ने कहा कि हम इन मामलों पर तुरंत कार्रवाई करेंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछली सरकार द्वारा किसानों से खाद्यान्नों की खरीद, परिवहन और भंडारण के अलावा भारी वित्तीय अनियमितता पाई है और इस मामले में जांच का आदेश दिया गया है.इस बीच, कांग्रेस पार्टी (Congress) को कर्ज माफी योजना को 'खत्म' करने का शिवराज सरकार का फैसला नागवार गुजरा है.
कमलनाथ की कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने इस पर प्रतिक्रिया देने में देर नहीं लगाई. कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि 80 प्रतिशत कर्ज माफ कर दिए गए हैं और बीजेपी के कारण ही यह प्रक्रिया रोकनी पड़ी थी. पटवारी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, यदि किसानों की कर्ज माफी योजना को बंद किया गया तो किसान सड़क पर उतरेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि इस सरकार को शेष 20 प्रतिशत किसानों के ऋण माफ करने चाहिए अन्यथा वे सड़कों पर उतरेंगे और हम उनका समर्थन करेंगे. जीतू पटवारी ने कहा कि इस समय कृषि मंत्री की प्राथमिकता गेहूं की खरीद होनी चाहिए, जिससे किसानों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं हो सकें. उसे झूठे आरोप लगाने के बजाय इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
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