विज्ञापन
This Article is From Jul 29, 2013

फरीदकोट महाराजा की वसीयत पर अदालती आदेश को ट्रस्ट देगा चुनौती

फरीदकोट महाराजा की वसीयत पर अदालती आदेश को ट्रस्ट देगा चुनौती
चंडीगढ़: फरीदकोट हरिंदर सिंह बराड़ के पूर्ववर्ती महाराजा की 20000 करोड़ रुपये की सम्पत्ति की व्यवस्था करने वाले ट्रस्ट द्वारा चंडीगढ की एक अदालत के उस फैसले को चुनौती दिए जाने की उम्मीद है जिसमें उनकी वसीयत को फर्जी घोषित किया गया है।

चंडीगढ जिला अदालत ने ब्रहस्पतिवार को वसीयत को अवैध एवं शून्य करार दिया था और बराड़ की दो बेटियों अमृत कौर और दीपिंदर कौर को वारिस घोषित कर दिया। अमृत कौर ने 1992 में वसीयत को चुनौती दी थी। वसीयत में महारावल खेवाजी ट्रस्ट को सम्पत्ति का केअरटेकर अधिकृत किया गया था।

ट्रस्ट के वकील ने दलील दी कि वसीयत ‘असली’ है और वे अदालत के फैसले को चुनौती देने की योजना बना रहे हैं।

ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ललित मोहन गुप्ता ने कहा कि वे आदेश का इंतजार कर रहे हैं और उसके अध्ययन के बाद अगला कदम उठाएंगे।

इस बीच, न्यासियों में एक चंडीगढ के मणिमाजरा फोर्ट के केअरटेकर गुरदेव सिंह (75) ने कहा कि वे अदालत के आदेश को चुनौती देंगे। उन्होंने कहा ‘जब वसीयत पर दस्तखत किए गए तब महाराजा की मानसिक स्थिति अच्छी थी और उनपर वसीयत पर दस्तखत करने के लिए कोई दवाब नहीं था। इसके अलावा वह एक बुद्धिमान व्यक्ति थे।’

उधर, अमृत कौर की पुत्र गुरवीन कौर (45) ने कहा कि वह ऊपरी अदालत में भी लडाई के लिए तैयार हैं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com