राहत इंदौरी (फाइल फोटो)
इंदौर:
अमेरिका ने भारत के मशहूर शायर राहत इंदौरी को टेक्सास प्रांत के डलास शहर में अगले महीने आयोजित अंतरराष्ट्रीय मुशायरे में हिस्सा लेने के लिये वीजा देने से इंकार कर दिया। राहत साहब ने इस कदम पर नाखुशी का इजहार करते हुए कहा कि उनका वीजा आवेदन महज इस बेबुनियाद धारणा के बूते अस्वीकार कर दिया गया कि मुशायरे में शामिल होने के बाद वह स्वदेश नहीं लौटेंगे।
'मैं अमेरिकी अफसरों का यह भरोसा नहीं दिला सका कि...'
मंगलवार को इंदौरी ने बताया, ‘मुंबई स्थित अमेरिकी वाणिज्यदूतावास ने गैर-अप्रवासी वीजा की मेरी अर्जी के सिलसिले में मुझे आज इंटरव्यू के लिये बुलाया था। इंटरव्यू के बाद मेरा पासपोर्ट यह कहते हुए खेदसहित लौटा दिया गया कि इस बार मुझे अमेरिका का वीजा नहीं मिल सकेगा।’ उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी अफसरों ने इंटरव्यू के बाद मुझे कागज का एक पुर्जा भी थमा दिया। इस पुर्जे में लिखी इबारत का लब्बोलुआब यही है कि मेरी वीजा अर्जी इसलिये खारिज कर दी गयी, क्योंकि मैं अमेरिकी अफसरों का यह भरोसा नहीं दिला सका कि अमेरिका में अपनी यात्रा खत्म होने के बाद मैं तय अवधि में अपने देश भारत लौट आउंगा।’ दुनिया भर के मुशायरों में हिस्सा ले चुके 66 वर्षीय शायर ने तंज करते हुए कहा, ‘अमेरिकी वाणिज्यदूतावास के अफसरों को शायद यह खतरा है कि अमेरिका पहुंचने के बाद मैं वहीं बस जाउंगा और भारत को हमेशा के लिये छोड़ दूंगा।’
'मेरी पहचान मेरे मुल्क से है'...
इंदौरी ने जोर देकर कहा, ‘दुनिया भर में मेरी पहचान मेरे मुल्क से ही है। मैं अपने वतन को छोड़ने की बात ख्वाब में भी नहीं सोच सकता। भारत में मेरा भरा.पूरा परिवार है, मेरा सामाजिक रुतबा है। लेकिन अफसोस की बात है कि अमेरिका की नजर में यह कुछ भी नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘मुनासिब होता कि अमेरिकी वाणिज्यदूतावास के अफसर मेरी वीजा अर्जी खारिज करने से पहले मेरा पुराना रिकॉर्ड देख लेते। पिछले 10 बरस में मैंने अमेरिका की 11 यात्राएं कीं और इस दौरान 100 से ज्यादा मुशायरों में हिस्सा लिया। अमेरिका में प्रवास के दौरान मुझसे कभी कोई चूक नहीं हुई।’ इंदौरी ने बताया कि उन्हें टेक्सास प्रांत के डलास शहर में ‘नूर इंटरनेशनल’ नाम की साहित्यिक संस्था के सात मई को आयोजित अंतरराष्ट्रीय मुशायरे में शामिल होना था। उन्होंने बताया कि ‘जश्न-ए-राहत इंदौरी’ के नाम से आयोजित यह कार्यक्रम उन्हीं के सम्मान में आयोजित किया गया था। इसमें पाकिस्तान, इंग्लैंड, सउदी अरब और भारत के शायरों को आमंत्रित किया गया है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
'मैं अमेरिकी अफसरों का यह भरोसा नहीं दिला सका कि...'
मंगलवार को इंदौरी ने बताया, ‘मुंबई स्थित अमेरिकी वाणिज्यदूतावास ने गैर-अप्रवासी वीजा की मेरी अर्जी के सिलसिले में मुझे आज इंटरव्यू के लिये बुलाया था। इंटरव्यू के बाद मेरा पासपोर्ट यह कहते हुए खेदसहित लौटा दिया गया कि इस बार मुझे अमेरिका का वीजा नहीं मिल सकेगा।’ उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी अफसरों ने इंटरव्यू के बाद मुझे कागज का एक पुर्जा भी थमा दिया। इस पुर्जे में लिखी इबारत का लब्बोलुआब यही है कि मेरी वीजा अर्जी इसलिये खारिज कर दी गयी, क्योंकि मैं अमेरिकी अफसरों का यह भरोसा नहीं दिला सका कि अमेरिका में अपनी यात्रा खत्म होने के बाद मैं तय अवधि में अपने देश भारत लौट आउंगा।’ दुनिया भर के मुशायरों में हिस्सा ले चुके 66 वर्षीय शायर ने तंज करते हुए कहा, ‘अमेरिकी वाणिज्यदूतावास के अफसरों को शायद यह खतरा है कि अमेरिका पहुंचने के बाद मैं वहीं बस जाउंगा और भारत को हमेशा के लिये छोड़ दूंगा।’
'मेरी पहचान मेरे मुल्क से है'...
इंदौरी ने जोर देकर कहा, ‘दुनिया भर में मेरी पहचान मेरे मुल्क से ही है। मैं अपने वतन को छोड़ने की बात ख्वाब में भी नहीं सोच सकता। भारत में मेरा भरा.पूरा परिवार है, मेरा सामाजिक रुतबा है। लेकिन अफसोस की बात है कि अमेरिका की नजर में यह कुछ भी नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘मुनासिब होता कि अमेरिकी वाणिज्यदूतावास के अफसर मेरी वीजा अर्जी खारिज करने से पहले मेरा पुराना रिकॉर्ड देख लेते। पिछले 10 बरस में मैंने अमेरिका की 11 यात्राएं कीं और इस दौरान 100 से ज्यादा मुशायरों में हिस्सा लिया। अमेरिका में प्रवास के दौरान मुझसे कभी कोई चूक नहीं हुई।’ इंदौरी ने बताया कि उन्हें टेक्सास प्रांत के डलास शहर में ‘नूर इंटरनेशनल’ नाम की साहित्यिक संस्था के सात मई को आयोजित अंतरराष्ट्रीय मुशायरे में शामिल होना था। उन्होंने बताया कि ‘जश्न-ए-राहत इंदौरी’ के नाम से आयोजित यह कार्यक्रम उन्हीं के सम्मान में आयोजित किया गया था। इसमें पाकिस्तान, इंग्लैंड, सउदी अरब और भारत के शायरों को आमंत्रित किया गया है।
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