मोगा:
पंजाब के मोगा में छेड़छाड़ का विरोध करने पर बादल परिवार की चलती बस से मां-बेटी को फेंके जाने के मामले में राज्य सरकार के दो मंत्रियों ने असंवेदनशील बयान दिया है।
मंत्रियों का शर्मनाक बयान
मंत्री जोगिंदर पाल जैन ने कहा, यह मामला कोर्ट से बाहर निपट जाए तो अच्छा है। वहीं दूसरे मंत्री सुरजीत सिंह रखरा ने कहा, जो हुआ वह कुदरत की मर्ज़ी से हुआ। मंत्रियों के ऐसे बयान के बाद यह सवाल उठने लगा है कि राज्य सरकार इस मामले को लेकर कितनी गंभीर है।
पीड़ित परिवार ने बताया जान को खतरा, सुरक्षा की मांग
मोगा मामले की पीड़ित महिला के पति ने अपनी और अपने परिवार की जान को ख़तरा बताया है। पीड़ित महिला के पति ने मांग की है उन्हें, उनकी पत्नी और उनके बेटे यानी पूरे परिवार को पुलिस सुरक्षा दी जाए। पूरा परिवार कल से ही मोगा के सिविल अस्पताल के बाहर धरने पर बैठा है।
परिवार का अंतिम संस्कार से इनकार, सुखबीर बादल पर FIR करने की मांग
लड़की की रिश्तेदारों ने उसका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है और उसका शव शवगृह में रखा हुआ है। मृतक के पिता ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं न्याय चाहता हूं। मैं अपनी बेटी के लिए इंसाफ चाहता हूं। उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए जिसकी बस थी।’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह सुखबीर बादल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराना चाहते हैं, उन्होंने कहा, ‘उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है, आखिरकार वह एक इंसान हैं।’ उन्होंने सवाल किया, ‘क्या दुनिया में कोई भी ऐसा नहीं है जो उनके (सुखबीर के) खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा सके।
सरकार कहती है कि अपराध चाहे कोई भी करे, उसे सजा मिलनी चाहिए, चाहे वह राष्ट्रपति हो या कोई और।’ उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने 20 लाख रुपये मुआवजे और सरकारी नौकरी की पेशकश स्वीकार कर ली है। उस पर उन्होंने कहा, ‘न मैं धन चाहता हूं न सरकारी नौकरी। मैं केवल इंसाफ चाहता हूं।’
बादल परिवार की बसों को दी जा रही है सुरक्षा
मोगा में बादल परिवार की बस को सुरक्षा दी जा रही है। इस बस के आगे-पीछे पुलिस की गाड़ी चल रही है ताकि कोई बच्ची और उसकी मां के साथ हुई घटना के गुस्से में उस पर हमला न कर दे। सरकारी खर्चे पर सीएम परिवार की कंपनी की बसों को खास सुरक्षा दी जा रही है।
क्या है पूरा मामला
मोगा में बादल परिवार की एक बस में छेड़छाड़ का विरोध करने पर मां और बच्ची को चलती बस से फेंक दिया गया। मां हॉस्पिटल में जीवन और मौत के बीच लड़ाई लड़ रही है और बेटी की जान जा चुकी है।
(इनपुट्स भाषा से भी)
मंत्रियों का शर्मनाक बयान
मंत्री जोगिंदर पाल जैन ने कहा, यह मामला कोर्ट से बाहर निपट जाए तो अच्छा है। वहीं दूसरे मंत्री सुरजीत सिंह रखरा ने कहा, जो हुआ वह कुदरत की मर्ज़ी से हुआ। मंत्रियों के ऐसे बयान के बाद यह सवाल उठने लगा है कि राज्य सरकार इस मामले को लेकर कितनी गंभीर है।
पीड़ित परिवार ने बताया जान को खतरा, सुरक्षा की मांग
मोगा मामले की पीड़ित महिला के पति ने अपनी और अपने परिवार की जान को ख़तरा बताया है। पीड़ित महिला के पति ने मांग की है उन्हें, उनकी पत्नी और उनके बेटे यानी पूरे परिवार को पुलिस सुरक्षा दी जाए। पूरा परिवार कल से ही मोगा के सिविल अस्पताल के बाहर धरने पर बैठा है।
परिवार का अंतिम संस्कार से इनकार, सुखबीर बादल पर FIR करने की मांग
लड़की की रिश्तेदारों ने उसका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है और उसका शव शवगृह में रखा हुआ है। मृतक के पिता ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं न्याय चाहता हूं। मैं अपनी बेटी के लिए इंसाफ चाहता हूं। उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए जिसकी बस थी।’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह सुखबीर बादल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराना चाहते हैं, उन्होंने कहा, ‘उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है, आखिरकार वह एक इंसान हैं।’ उन्होंने सवाल किया, ‘क्या दुनिया में कोई भी ऐसा नहीं है जो उनके (सुखबीर के) खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा सके।
सरकार कहती है कि अपराध चाहे कोई भी करे, उसे सजा मिलनी चाहिए, चाहे वह राष्ट्रपति हो या कोई और।’ उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने 20 लाख रुपये मुआवजे और सरकारी नौकरी की पेशकश स्वीकार कर ली है। उस पर उन्होंने कहा, ‘न मैं धन चाहता हूं न सरकारी नौकरी। मैं केवल इंसाफ चाहता हूं।’
बादल परिवार की बसों को दी जा रही है सुरक्षा
मोगा में बादल परिवार की बस को सुरक्षा दी जा रही है। इस बस के आगे-पीछे पुलिस की गाड़ी चल रही है ताकि कोई बच्ची और उसकी मां के साथ हुई घटना के गुस्से में उस पर हमला न कर दे। सरकारी खर्चे पर सीएम परिवार की कंपनी की बसों को खास सुरक्षा दी जा रही है।
क्या है पूरा मामला
मोगा में बादल परिवार की एक बस में छेड़छाड़ का विरोध करने पर मां और बच्ची को चलती बस से फेंक दिया गया। मां हॉस्पिटल में जीवन और मौत के बीच लड़ाई लड़ रही है और बेटी की जान जा चुकी है।
(इनपुट्स भाषा से भी)
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