दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने ऐसे एक शख्स को गिरफ्तार किया है, जो अफसर बनकर मॉस्क न पहनने वालों के चालान काट रहा है. दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर उसने कोरोना के नियमों (Covid-19 Rules) के उल्लंघन को लेकर दर्जनों चालान कर रकम वसूली और अपनी जेब में रख ली.
दिल्ली पुलिस ने आरोपी युवक उपेंद्र के पास से एक हजार रुपये बरामद किए, जो उसने दो व्यक्तियों से कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन की एवज में वसूले थे. उसका मोबाइल फोन भी पुलिस ने बरामद किया है. उसके पास से वाहनों की चार नंबर प्लेट भी मिली हैं. आरोपी के पास से एक स्विफ्ट डिजायर कार भी पुलिस को मिली है.
उत्तर पश्चिमी पुलिस के उपायुक्त के मुताबिक, 23 साल का उपेंद्र सिंह (पिता लेफ्टिनेंट चंद्रशेखर सिंह) स्वरूप नगर का रहने वाला है. उसे ठगी और फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उपेंद्र 29-30 अक्टूबर की दरमियानी रात दिल्ली पुलिस अफसर बनकर अशोक विहार के गेट पर पहुंचा. उसने सोसायटी गेट पर बिना मॉस्क लगाए कई लोगों के नाम लिखे और उससे कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन के आरोप में पैसे वसूल लिए. सोसायटी के सिक्योरिटी गार्ड नरेंद्र को उस पर शक हुआ. नरेंद्र ने जब उससे पूछा कि किस थाने में उसकी तैनाती है तो वह कार से भाग निकला.
सिक्योरिटी गार्ड ने यह वाकया सोसायटी के सदस्यों को बताया, जिन्होंने स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस ने मोबाइल नंबर और अन्य पहचान के आधार पर उपेंद्र को धर दबोचा. उसके पास दिल्ली पुलिस की यूनिफॉर्म और चार नंबर प्लेटें भी बरामद की गईं.
पूछताछ के दौरान उपेंद्र ने बताया कि उसने सिविल डिफेंस के लिए आवेदन किया है और वह दिल्ली पुलिस का कोई अफसर नहीं है. उपेंद्र के मुताबिक, परिवार की खराब माली हालत के बाद वह पुलिस अफसर बनकर लोगों से वसूली के काम में जुट गया. उसने दिल्ली के मुखर्जी नगर से यूनिफॉर्म खरीदी थी. कोविड-19 के दौरान उसने पुलिस अफसरों को नियमों के उल्लंघन में चालान काटते देखा और उसने भी गैरकानूनी तरीके से यह काम शुरू कर दिया.
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