 
                                            - 4 दोस्तों ने मिलकर शुरू किया नकली नोट बनाने का धंधा
- गिरफ्तार लोगों में 2 आईटीआई के डिप्लोमा होल्डर हैं
- रंगीन फोटो कॉपी पर ग्लिटर पैन से बनाते थे नोट को नमकीला
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                                                                                बेंगलुरु: 
                                        कालेधन और नकली नोटों पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया नोटबंदी का कदम इस धंधे में लगे लोगों के सामने बेमानी साबित हो रहा है. बेंगलुरु पुलिस ने 4 लोगों के एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो 2000 रुपये के नकली नोट तैयार कर बाज़ार में चला रहे थे. ये लोग नए नोटों की रंगीन फोटो कॉपी करके उस पर ग्लिटर का इस्तेमाल कर हूबहू नोट तैयार कर उन्हें इस्तेमाल कर रहे थे. लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के आगे उनके नकली नोटों का धंधा महज 4 दिन में चौपट हो गया.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एमएन अनुचेत ने बताया कि पकड़े गए लोगों का नाम शशांक, मधु कुमार, किरन कुमार और नागराज है. उन्होंने बताया कि शंशाक और मधु कुमार अपने दोस्त की फोटोस्टेट की दुकान पर 2000 के नोट की फोटो कॉपी करते थे. उस कॉपी को असली नोट के आकार का काट कर ग्लिटर (ख़ास तरह की चमकीली स्याही) पैन से नोट में हरे रंग की चमकीली पट्टी तैयार करते थे.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक दुकानदार को इनके दिए नोट पर शक होने पर यह गिरोह पकड़ा गया. इससे पहले ये लोग शहर के 8 शराब के ठेकों पर नकली नोट इस्तेमाल कर चुके थे. पुलिस ने इनके पास से 8 नकली नोट बरामद किए हैं. हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी है.
पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने 25 नकली नोट बाज़ार में चलाए हैं. पुलिस इनकी निशानदेही पर इन नोटों को बरामद करने में लगी है. इनके द्वारा बनाए गए नकली नोट एक नज़र में बिल्कुल असली ही दिखाई देते हैं, केवल कागज से ही इनके अलग होने का पता चलता है.
इन चारों में दो आदमी एक मोबाइल फोन की दुकान पर काम करते थे, जबकि एक मैकेनिक है और एक ऑटो चालक है. इनमें दो लोगों ने आईटीआई से डिप्लोमा हासिल किया हुआ है.
                                                                        
                                    
                                वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एमएन अनुचेत ने बताया कि पकड़े गए लोगों का नाम शशांक, मधु कुमार, किरन कुमार और नागराज है. उन्होंने बताया कि शंशाक और मधु कुमार अपने दोस्त की फोटोस्टेट की दुकान पर 2000 के नोट की फोटो कॉपी करते थे. उस कॉपी को असली नोट के आकार का काट कर ग्लिटर (ख़ास तरह की चमकीली स्याही) पैन से नोट में हरे रंग की चमकीली पट्टी तैयार करते थे.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक दुकानदार को इनके दिए नोट पर शक होने पर यह गिरोह पकड़ा गया. इससे पहले ये लोग शहर के 8 शराब के ठेकों पर नकली नोट इस्तेमाल कर चुके थे. पुलिस ने इनके पास से 8 नकली नोट बरामद किए हैं. हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी है.
पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने 25 नकली नोट बाज़ार में चलाए हैं. पुलिस इनकी निशानदेही पर इन नोटों को बरामद करने में लगी है. इनके द्वारा बनाए गए नकली नोट एक नज़र में बिल्कुल असली ही दिखाई देते हैं, केवल कागज से ही इनके अलग होने का पता चलता है.
इन चारों में दो आदमी एक मोबाइल फोन की दुकान पर काम करते थे, जबकि एक मैकेनिक है और एक ऑटो चालक है. इनमें दो लोगों ने आईटीआई से डिप्लोमा हासिल किया हुआ है.
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