सफदरजंग अस्पताल से फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार...
नई दिल्ली:
दिल्ली के दो बड़े अस्पतालों एम्स और सफदरजंग में फ़र्ज़ी डॉक्टरों का एक गिरोह काम कर रहा है, जो पैसे लेकर मरीजों को भर्ती कराने का काम करता है. ऐसा ही एक डॉक्टर गिरफ्तार हुआ है. जब इस 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' का सफदरजंग हॉस्पिटल के असिस्टेंट प्रोफेसर बलविंदर से पाला पड़ा तो तो उसकी पोल खुल गई. डॉ बलविंदर ने उससे पूछा, डॉक्टर साहब एमबीबीएस में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं? तो नक़ली डॉक्टर पानी मांगने लगा. इसके बाद डॉ बलविंदर ने उससे सवाल किया - अच्छा ये बताओ फेबुला कहां होती है? हाथ में कितनी हड्डियां होती हैं? नकली डॉक्टर-कंधे की तरफ इशारा करते हुए बोला- यहां होती है.
खुद को एम्स के ऑर्थोपेडिक विभाग का एसोसिएट प्रोफेसर बताने वाले इस फ़र्ज़ी डॉक्टर को सफदरजंग के डॉक्टरों ने पकड़ा और पकड़ते ही इसने गलती भी मान ली. डॉक्टरों की शिकायत पर पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया. मूल रूप से बिहार का रहने वाला अविनाश आनंद 10वीं तक पढ़ा है. कई साल पहले वो एम्स में अपनी मां का कैंसर का इलाज कराने आया और जब डॉक्टरों से मिला तो डॉक्टर बनने की ठान ली. उसने फेसबुक और ट्विटर पर अपना ऐसा प्रोफाइल भी बनाया हुआ था और दूरदराज के लोगों को भर्ती कराने के नाम पर उनसे पैसे ऐंठता था.
इस नकली डॉक्टर के फर्जीवाड़े से एम्स के असली डॉक्टर भी हैरान हैं एम्स के ऑर्थोपेडिक विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सीएस यादव के मुताबिक, 'ऐसे केस एम्स में पहले भी आए हैं. दरसअल एम्स इतना बड़ा है और यहां इतने कर्मचारी हैं कि एक विभाग को दूसरे विभाग के लोगों के चेहरे ही याद नहीं रहते. ऐसे में डॉक्टरों के साथ-साथ मरीजों को भी ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए.'
पुलिस के मुताबिक अविनाश ये काम पिछले छह साल से कर रहा था. उसके पास फ़र्ज़ी लेटर हेड और आईकार्ड भी मिला है. दोनों अस्पतालों के डॉक्टरों के मुताबिक ऐसे लोगों का पूरा गैंग है जो डॉक्टर बनकर लोगों से पैसे लेकर उन्हें भर्ती कराते हैं.
खुद को एम्स के ऑर्थोपेडिक विभाग का एसोसिएट प्रोफेसर बताने वाले इस फ़र्ज़ी डॉक्टर को सफदरजंग के डॉक्टरों ने पकड़ा और पकड़ते ही इसने गलती भी मान ली. डॉक्टरों की शिकायत पर पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया. मूल रूप से बिहार का रहने वाला अविनाश आनंद 10वीं तक पढ़ा है. कई साल पहले वो एम्स में अपनी मां का कैंसर का इलाज कराने आया और जब डॉक्टरों से मिला तो डॉक्टर बनने की ठान ली. उसने फेसबुक और ट्विटर पर अपना ऐसा प्रोफाइल भी बनाया हुआ था और दूरदराज के लोगों को भर्ती कराने के नाम पर उनसे पैसे ऐंठता था.
इस नकली डॉक्टर के फर्जीवाड़े से एम्स के असली डॉक्टर भी हैरान हैं एम्स के ऑर्थोपेडिक विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सीएस यादव के मुताबिक, 'ऐसे केस एम्स में पहले भी आए हैं. दरसअल एम्स इतना बड़ा है और यहां इतने कर्मचारी हैं कि एक विभाग को दूसरे विभाग के लोगों के चेहरे ही याद नहीं रहते. ऐसे में डॉक्टरों के साथ-साथ मरीजों को भी ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए.'
पुलिस के मुताबिक अविनाश ये काम पिछले छह साल से कर रहा था. उसके पास फ़र्ज़ी लेटर हेड और आईकार्ड भी मिला है. दोनों अस्पतालों के डॉक्टरों के मुताबिक ऐसे लोगों का पूरा गैंग है जो डॉक्टर बनकर लोगों से पैसे लेकर उन्हें भर्ती कराते हैं.
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