विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ स्थिति और भारत-चीन संबंधों (India-China Relations) से संबंधित मुद्दों पर अपने चीनी समकक्ष वांग यी (Wang Yi) के साथ गुरुवार को करीब 75 मिनट तक टेलीफोन पर बातचीत की है. पैंगोंग झील क्षेत्र से दोनों तरफ की सेना के पीछे हटने के बाद एस जयशंकर ने जोर देकर कहा कि दोनों पक्षों को अब पूर्वी लद्दाख में LAC के साथ शेष मुद्दों को भी जल्दी से हल करना चाहिए.
जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच गतिरोध वाले प्वाइंट्स से एक बार दोनों तरफ की सेना के पीछे हट जाने के बाद दोनों पक्ष सीमा पर तैनात सैनिकों की संख्या घटाने पर विचार कर सकते हैं ताकि दोनों पक्षों के बीच शांति और सद्भाव की बहाली हो सके.
विदेश मंत्रालय ने दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत पर प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को चीन के विदेश मंत्री के साथ सीमा गतिरोध पर ‘मास्को समझौते' के क्रियान्वयन पर चर्चा की और साथ ही सैनिकों की वापसी की स्थिति की समीक्षा की है.
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शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन से इतर पिछले वर्ष 10 सितंबर को मास्को में हुई बैठक में जयशंकर और वांग यी ने पांच बिन्दुओं पर सहमति व्यक्त की थी. इसमें सैनिकों के तेजी से पीछे हटने, ऐसे किसी कदम से बचने जिससे तनाव बढ़े और सीमा प्रबंधन पर प्रोटोकाल का पालन तथा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बहाल करने जैसे कदम शामिल हैं.
जयशंकर ने भी ट्वीट किया, "दोपहर को चीन के स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी से बात की. मास्को समझौते को लागू करने पर चर्चा की और सैनिकों की वापसी की स्थिति की भी समीक्षा की." गौरतलब है कि पिछले सप्ताह दोनों देशों की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में कई महीने तक जारी गतिरोध के बाद उत्तरी और दक्षिणी पैंगोंग क्षेत्र से अपने अपने सैनिकों एवं हथियारों को पीछे हटा लिया था.
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