
डोकलाम की यह तस्वीर 2017 की है
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पिछले 10 साल में चीन ने बहुत तेजी से इस सड़कों का निर्माण किया है
NDTV के पास इस इलाके की हाईरेज सैटेलाइट तस्वीरें हैं
दोनों देशों के बीच जून महीने में शुरू हुवा विवाद 70 दिन चला था
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सैटेलाइट तस्वीर से इस बात का भी पता चलता है कि डोकलाम से दो सड़क चुंबी वैली के यातुंग तक जाती है. यातुंग में चीनी सैनिकों का बेस कैंप है, जहां से डोकलाम में स्थित सैनिकों के लिए ऑपरेशन का सामान आता है. जून महीने से भारत और चीन के बीच चल रहे डोकलाम विवाद का अंत 70 दिन बाद तब अगस्त महीने में तब हुआ था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन का दौरा किया था. दोनों देशों के बीच इस टकराव को कई दशकों में सबसे बुरा करार दिया गया था और बाद में दोनों ही देशों ने इलाके से अपनी अपनी सेना पीछे करने की बात स्वीकार थी.


पीएम मोदी के चीन दौरे के बाद दोनों देशों की तरफ से आपसी बातचीत के बाद मामले को सुलझा लिया गया था. इसके बाद चीन ने सड़क निर्माण में लगे अपने बुल्डोजरों और कुछ और सामानों को वहां से हटाकर दूसरे स्थान पर ले गया था. जहां फिर से उसने सड़क का निर्माण शुरू किया था. यह जगह पुरानी जगह से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर है.


2017 में उत्तरी प्रवेश मार्ग पूरा हो चुका है.
किसी भी निर्माण को भारत बर्दाश्त नहीं करेगा
डोकलाम के मुद्दे पर भारत भूटान का समर्थन करता है और स्पष्ट कर चुका है कि वह ऐसे किसी भी निर्माण को बर्दाश्त नहीं करेगा, जिससे चीन को चिकन नेक तक पहुंच मिल जाए जो कि डोकलाम के ठीक दक्षिण में स्थित है. यह इलाका भारत को इसके उत्तर-पूर्वी राज्यों से जोड़ता है.

पिछले हफ्ते विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि 28 अगस्त के बाद से उस इलाके में कोई डेवलपमेंट नहीं हुआ है और इस क्षेत्र की स्थिति यथास्थिति बनी हुई है. लेकिन अभी भी यहां कुछ निर्माण का कार्य जारी है.
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