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This Article is From Feb 12, 2016

आईएस द्वारा बंधक बनाए गए भारतीयों की वापसी के लिए कदम उठाए केंद्र : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्‍ली: ईराक में अंतरराष्‍ट्रीय आतंकी संगठन आईएसआईएस द्वारा बंधक बनाए गए भारतीय लोगों के संबंध में दायर एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की बेंच ने केंद्र सरकार को कहा है कि वह ईराक में आईएसआईएस द्वारा बंधक बनाए गए लोगों और इराक में फंसे लोगों को वापस भारत लाने का प्रयास करे। इसके लिए भारत सरकार एक नोडल अधिकारी की नियुक्‍ति करे जो वहां तालमेल कर ये कदम उठाए।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह अधिकारी ईराक में फंसे भारतीयों को छुड़ाने के प्रयास, ईराक एवं भारत सरकार बीच इस मसले पर बातचीत एवं पूरे मामले को देखेगा। जिससे यह सुनिश्‍चित किया जा सके कि वहां से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित भारत वापस लाया जा सके। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने उक्‍त याचिका का निपटारा कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट में वकील गौरव बंसल के माध्‍यम से एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि उसने सूचना के अधिकार के तहत विदेश मंत्रालय से ईराक में आईएसआईएस आतंकी संगठन द्वारा बंधक बनाए गए भारतीय लोगों के संबंध में जानकारी मांगी थी। जिसमें पूछा गया था कि बंधक भारतीयों को मुक्‍त कराने के लिए भारत सरकार क्‍या प्रयास कर रही है। उन्‍हें उनकी आरटीआई के जवाब में बताया गया कि इसके लिए अभी तक भारत सरकार की ओर से किसी भी तरह का प्रोटोकॉल या आदेश जारी नहीं किया गया है।

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आईएसआईएस के चंगुल से बच निकले एक भारतीय हरजीत मसीह ने मीडिया को जानकारी दी थी कि आईएसआईएस ने बंधक बनाए गए सभी भारतीय नागरिकों को मार डाला है और भारत सरकार उस पर यह जानकारी सार्वजनिक न किए जाने का दबाव बना रही है। याचिकाकर्ता ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि केंद्र सरकार को ईराक में फंसे भारतीयों को मुक्‍त कराकर भारत लाने संबंधी प्रयासों को शुरू करने का आदेश जारी किया जाए।

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