चुनाव आयोग रिश्वत मामला : दिनाकरन को जांच के सिलसिले में चेन्नई लाया गया

चुनाव आयोग रिश्वत मामला : दिनाकरन को जांच के सिलसिले में चेन्नई लाया गया

टीटीवी दिनाकरन (फाइल फोटो)

खास बातें

  • कथित रिश्वत मामले में दो दिन पहले पुलिस ने दिनाकरन को गिरफ्तार किया था.
  • दिनाकरन और उसके दोस्त मल्लिकार्जुन को विमान से लेकर यहां पहुंची पुलिस.
  • पुलिस इन दोनों का सामना गिरफ्तार बिचौलिये सुकेश चंद्रशेखर से भी कराएगी.
नई दिल्ली:

अन्नाद्रमुक (अम्मा) गुट के नेता टीटीवी दिनाकरन को दिल्ली पुलिस की एक टीम जांच के सिलसिले में गुरुवार को यहां लेकर पहुंची. कथित रिश्वत मामले में दो दिन पहले पुलिस ने दिनाकरन को गिरफ्तार किया था.

चुनाव आयोग घूसखोरी मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की एक टीम दिल्ली से विमान द्वारा दिनाकरन और उसके दोस्त मल्लिकार्जुन को लेकर यहां पहुंची. दोपहर करीब एक बजे के बाद पुलिस उन्हें लेकर यहां पहुंची. दिनाकरन जब यहां पहुंचे, तब उसके समर्थक पुगाजहेंथी और नानचिल संबत हवाईअड्डे पर मौजूद थे.

पुलिस ने अपनी जांच के सिलसिले में दिनाकरन और मल्लिकार्जुन के चेन्नई स्थित घरों की तलाशी के लिए दिल्ली की एक अदालत से वारंट लिया था. पुलिस इन दोनों का सामना गिरफ्तार बिचौलिये सुकेश चंद्रशेखर से भी कराएगी, जिससे पैसों के लेनदेन और उनके बीच फोन पर हुई बातचीत की जानकारी मिल सके.

दिनाकरन को चार दिनों तक चली पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने मंगलवार रात गिरफ्तार किया था. दीनाकरन पर आरोप था कि उसने अविभाजित अन्नाद्रमुक के चुनाव चिन्ह 'दो पत्ती' को अपने धड़े के पास रखने के लिये कथित तौर पर निर्वाचन आयोग के एक अज्ञात अधिकारी को घूस देने की कोशिश की.

पुलिस ने पहले कहा था कि चंद्रशेखर ने अन्नाद्रमुक (अम्मा) धड़े को 'दो पत्ती' का चिन्ह दिलाने में मदद करने के लिए 50 करोड़ रुपये में सौदा किया था. दिल्ली के एक पांच सितारा होटल से 16 अप्रैल को जब चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया गया तो उसके पास से 1.30 करोड़ रुपये नकद मिले थे.

दिनाकरन को कथित तौर पर अज्ञात स्त्रोतों के जरिये इस रकम का इंतजाम करने और अवैध माध्यमों से उसे चेन्नई से दिल्ली भिजवाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने कहा था कि मल्लिकार्जुन को रुपये चेन्नई से दिल्ली भिजवाने में दिनाकरन की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.

पुलिस अभी इस बात की जांच कर रही है कि क्या चंद्रशेखर ने दिनाकरन गुट के पक्ष में फैसले के लिए निर्वाचन आयोग के किसी अधिकारी से संपर्क किया था. (इनपुट भाषा से)


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