नई दिल्ली:
भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने गुरुवार को आरोप लगाया कि संप्रग शासन का मॉडल त्रुटिपूर्ण है क्योंकि उसके मुखिया (प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह) के पास निर्णय करने की शक्ति नहीं है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भारतीय उद्योग परिसंघ
(सीआईआई) में सुबह हुए भाषण के बाद उसी सभा में शाम को जेटली ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘सरकार के निर्वाचित मुखिया को निर्णय करने का अंतिम अधिकार होना चाहिए। लेकिन प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) को पार्टी (सोनिया गांधी) की हिदायतों का पालन करना होता है।’’ उन्होंने कहा कि संप्रग शासन ‘‘तीन टांग के नेतृत्व’’ वाला है और ऐसा नेतृत्व देश के लिए त्रासदी है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दावा किया है कि आठ प्रतिशत की विकास वृद्धि दर को दोबारा पाया जा सकता है, लेकिन इस वृद्धि दर को पाने के लिए उन्होंने क्या कार्ययोजना तैयार की है? प्रधानमंत्री ने बुधवार को सीआईआई की सभा में ही कहा था कि देश आठ प्रतिशत की विकास दर को पुन: पा सकता है।
जेटली ने सीबीआई सहित देश की अपराध जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस इन एजेंसियों का इस बात के लिए इस्तेमाल कर रही है कि संप्रग सरकार को समर्थन दे रहे दल उससे समर्थन वापस न लेने पाएं।
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो सीबीआई और एनआईए जैसी जांच एजेंसियों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी जांच एजेंसियों को पूरी तरह स्वतंत्र होने की आवश्यकता है।
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(सीआईआई) में सुबह हुए भाषण के बाद उसी सभा में शाम को जेटली ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘सरकार के निर्वाचित मुखिया को निर्णय करने का अंतिम अधिकार होना चाहिए। लेकिन प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) को पार्टी (सोनिया गांधी) की हिदायतों का पालन करना होता है।’’ उन्होंने कहा कि संप्रग शासन ‘‘तीन टांग के नेतृत्व’’ वाला है और ऐसा नेतृत्व देश के लिए त्रासदी है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दावा किया है कि आठ प्रतिशत की विकास वृद्धि दर को दोबारा पाया जा सकता है, लेकिन इस वृद्धि दर को पाने के लिए उन्होंने क्या कार्ययोजना तैयार की है? प्रधानमंत्री ने बुधवार को सीआईआई की सभा में ही कहा था कि देश आठ प्रतिशत की विकास दर को पुन: पा सकता है।
जेटली ने सीबीआई सहित देश की अपराध जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस इन एजेंसियों का इस बात के लिए इस्तेमाल कर रही है कि संप्रग सरकार को समर्थन दे रहे दल उससे समर्थन वापस न लेने पाएं।
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो सीबीआई और एनआईए जैसी जांच एजेंसियों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी जांच एजेंसियों को पूरी तरह स्वतंत्र होने की आवश्यकता है।
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