दुनियाभर में सोमवार को ईद मनाई जा रही है, लेकिन कोरोनावायरस से फैली कोविड-19 महामारी के चलते पहली बार ऐसा होगा कि ईद इस बार बहुत अलग होगी. देश में लगातार फैलते वायरस और मौतों के बीच लॉकडाउन लागू है. ऐसे में इस बार लोग मस्जिदों में नमाज पढ़ने नहीं जा सकेंगे. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन करते हुए उन्हें एक-दूसरे से दूरी भी बनाकर रखनी होगी.
ऐसे में इस बार की ईद सामूहिक नमाज़ पढ़ने, एक दूसरे से गले मिलकर बधाई देने और मेले जाने की रवायत के बिना अधूरी ही रहेगी.
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने रविवार को कहा कि इस बार की ईद काफी अलग होगी. ऐसा पहली बार होगा जब लोग अपने घरों पर ही ईद मनाएंगे. उन्होंने कहा कि हालांकि, इससे त्योहार की चमक फीकी नहीं पड़ने देंगे.
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में नक़वी ने कहा, ‘ऐसा पहली बार होगा जब हम कोविड-19 महामारी के चलते ईद अपने घरों में मनाएंगे और घर पर ही नमाज पढ़ेंगे, लेकिन इससे त्योहार की चमक फीकी नहीं पड़ने देंगे. हम दुआ करेंगे कि देश को जल्द से जल्द कोविड-19 से छुटकारा मिले.'
For the first time, we will offer prayer & celebrate #EidUlFitr at home due to #COVID19 pandemic but that will not affect the festive spirit. We will pray that the country gets rid of COVID-19 at the earliest: Union Minister of Minority Affairs Mukhtar Abbas Naqvi pic.twitter.com/dVdusITj72
— ANI (@ANI) May 24, 2020
बता दें कि शनिवार को चांद नजर न आने पर दिल्ली के दो ऐतिहासिक मस्जिदों- जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमामों की तरफ से ऐलान किया गया कि अब देशभर में सोमवार को ईद मनाई जाएगी. शुक्रवार को रमजान के आखिरी जुमे की नमाज भी लोगों ने घरों में अता की थी.
कोविड-19 के रोकथाम के लिए देशभर में 31 मई तक लॉकडाउन लागू है. ये चौथे चरण का लॉकडाउन है. केंद्र की मोदी सरकार ने 24 मार्च से देशभर में लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसे तीन बढ़ाया जा चुका है.
अगर मरीजों की बात करें तो देश में लगातार पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं. रविवार तक 1 लाख 31 हजार के ऊपर पहुंच चुका है, वहीं 3800 से ऊपर मौतें हुई हैं. देश में रोज हर दिन पिछले दिन के मुकाबले ज्यादा मामले आ रहे हैं.
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