
ईनम गंभीर
- ईनम गंभीर का जवाब सुनकर हर कोई हैरान था
- ईनम दिल्ली की रहने वाली हैं और उन्होंंने डीयू से पढ़ाई की है
- जूनियर रैंक की होने के बावजूद ईनम को सचिव बनाया गया
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ईनम गंभीर के भाषण की 5 बड़ी बातें
पाकिस्तान के आरोपों का मुंहतोड़ जवाब देते हुए ईनम गंभीर ने संयुक्त राष्ट्र में सबके सामने पाकिस्तान को टेररिस्तान करार देते हुए कहा था कि पाकिस्तान लगातार आतंकियों को पनाह दे रहा है. आतंक को पैदा कर रहा है. वह तो अजीब है कि जो देश ओसामा बिना लादेन और मुल्ला उमर को पनाह देता है, वही पीड़ित होने का दावा कर रहा है. पाकिस्तान में हाफिज सईद जैसे आतंकी बैठकर आतंकवादी गतिविधियां चला रहे हैं. ईनम के इस भाषण को लोगों की खूब तारीफ मिल रही है. अब हर कोई जानना चाह रहा है कि पाकिस्तान के पीएम अब्बासी को मुंहतोड़ जवाब देने वाली ईनम गंभीर आखिर हैं कौन? तो चलिए हम आपकी मदद कर देते हैं.
कौन हैं ईनम गंभीर?
ईनम संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली सचिव हैं. दिल्ली की रहने वाली ईनम साल 2005 बैच की आईएफएस (भारतीय विदेश सेवा) अधिकारी हैं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से मैथ्स में ग्रेजुएशन किया है. मीडिया की ख़बरों के मुताबिक उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ जिनेवा से भी डिग्री ली है. बताया जा रहा है कि उनकी पहली पोस्टिंग मैड्रिड में थी. इस दौरान उन्होंने स्पैनिश भाषा में अपनी पकड़ बनाई क्योंकि वहां काम करने के लिए अंग्रेजी के अलावा स्पैनिश आना भी जरूरी था. इसके बाद ईनम ने अर्जेंटीना और ब्राजील में भारतीय दूतावास में काम किया. फिर वह भारत लौट आईं.
संयुक्त राष्ट्र जाने से पहले ईनम गंभीर दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान-अफगानिस्तन-ईरान डेस्क पर भी काम कर चुकी हैं. संयुक्त राष्ट्र में गंभीर को कई वर्टिकल देखने हैं जिनमें सुरक्षा परिषद सुधार, आतंकवाद-निरोधी और साइबर सिक्यूरिटी शामिल हैं. यही नहीं उनके जिम्मे कई स्पेशल मिशन भी हैं.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आईएफएस की हाइरार्की यानी कि पदक्रम के मुताबिक ईनम गंभीर जूनियर रैंक की अधिकारी हैं. लेकिन इसके बावजूद उन्हें सचिव बनाया गया. ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी जूनियर रैंक के अधिकारी को सविच बनाया गया हो. बहरहाल, हम तो यही कहेंगे कि ईनम ने अंतरराष्ट्रीय पटल पर साबित करके दिखाया है कि महिलाएं किसी भी मामले में पीछे नहीं हैं. फिर चाहे बात पड़ोसी मुल्क से कूटनीतिक तरीके से ही निपटने की क्यों न हो.
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