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This Article is From Sep 27, 2019

ED ने दफ्तर आने से किया था मना, फिर भी घर से निकले Sharad Pawar, बाद में कहा- नहीं चाहता कानून व्यवस्था खराब हो

पवार ने अपना फैसला बदलते हुए कहा, ''मैं एक जिम्मेदार शख्स हूं, नहीं चाहता कि कानून व्यवस्था खराब हो. मुंबई पुलिस ने नहीं आने की गुजारिश भी की.''

नई दिल्ली:

शुक्रवार को मुंबई में हाईप्रोफाइल राजनीतिक ड्रामा देखने को मिला. एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) पहले तो ईडी दफ्तर जाने को लेकर अड़े रहे. लेकिन पुलिस की मान-मनव्‍वल के बाद अपना इरादा बदल दिया. महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में घोटाले के मामले में शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार को आरोपी बनाया गया है. ED ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया नहीं है लेकिन पवार ख़ुद से आज ED दफ़्तर जा रहे थे. ईडी ने शरद पवार से कहा कि अभी पूछताछ की जरूरत नहीं, जब जरूरत होगी हम बताएंगे. पवार ने अपना फैसला बदलते हुए कहा, ''मैं एक जिम्मेदार शख्स हूं, नहीं चाहता कि कानून व्यवस्था खराब हो. मुंबई पुलिस ने नहीं आने की गुजारिश भी की.'' बता दें कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में घोटाले के मामले में शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार को आरोपी बनाया गया है.

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इधर सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि पवार को ED दफ़्तर में घुसने नहीं दिया जाएगा. शुक्रवार की सुबह मुंबई पुलिस के ज्वाइंट सीपी विनय चौबे शरद पवार के घर भी पहुंचे थे. मुंबई में ईडी दफ़्तर के आसपास धारा 144 लगा दी गई, जहां शरद पवार को पूछताछ के लिए जाना था. शरद पवार ने अपने समर्थकों से अपील की कि वो ईडी दफ्तर के सामने न जुटें.

धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के अंतर्गत दर्ज शिकायत के तहत ईडी उन आरोपों की जांच कर रही है कि एमएससीबी के शीर्ष अधिकारी, अध्यक्ष, एमडी, निदेशक, सीईओ और प्रबंधकीय कर्मचारी तथा सहकारी चीनी फैक्टरी के पदाधिकारियों को अनुचित तरीके से कर्ज दिए गए. एजेंसी ने कर्ज देने और अन्य प्रक्रिया में कथित अनियमितता की जांच के लिए पवार, उनके भतीजे और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार तथा करीब 70 अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था.

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ईडी का मामला मुंबई पुलिस की प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें बैंक के निदेशकों, राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार और सहकारी बैंक के 70 पूर्व पदाधिकारियों के नाम हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार का नाम ईडी की शिकायत में पुलिस एफआईआर के आधार पर शामिल किया गया है. यह मामला ऐसे समय दर्ज किया गया, जब राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. राज्य में एक चरण में 21 अक्टूबर को विधानसभा की सभी 288 सीटों पर मतदान होगा.

Video: एनसीपी नेता शरद पवार की मुश्किलें बढ़ीं

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