फिल्म इंडस्ट्री में किसी प्रोजेक्ट के चलते कई बार एक्टर्स और पूरी टीम महीनों साथ बिताते हैं. ऐसे में किसी के बीच की बॉन्डिंग स्ट्रॉन्ग होना या अट्रैक्शन होना आम बात है. खासतौर से जब दो सितारे 18 फिल्मों में एक साथ काम करते हैं जैसा कि दिग्गज एक्टर राज कपूर और नरगिस के साथ हुआ था. बरसात, श्री 420, आवारा और जागते रहो जैसे कई जबरदस्त प्रोजेक्ट्स पर साथ काम करते हुए दोनों करीब आए. उनका रिश्ता विवादों से अछूता नहीं रहा क्योंकि राज कपूर शादीशुदा और बच्चों के पिता भी थे जबकि नरगिस सिंगल थीं और अपने आप में सुपरस्टार बन रही थीं.
बाद में नरगिस ने एक अपने कोस्टार सुनील दत्त से शादी की और दोबारा राज कपूर की किसी दूसरी फिल्म में काम नहीं किया. लेकिन उनके रिश्ते की अफवाहों ने दोनों परिवारों के बीच दरार पैदा कर दी और नरगिस कभी भी कपूर की रखी गई किसी भी पार्टी में शामिल नहीं हुईं. यह सब करीब 24 साल तक चलता रहा. लेकिन आखिरकार यह कोल्ड वाइब तब खत्म हुई जब नरगिस को राज कपूर के बेटे ऋषि कपूर और नीतू कपूर की शादी में शामिल होने के लिए इन्वाइट किया गया. नरगिस अपने पति सुनील के साथ इस शादी में शामिल हुईं.
अपने किताब खुल्लम खुल्ला में ऋषि कपूर ने बताया कि कैसे नरगिस शादी में शामिल होने से घबरा रही थीं लेकिन राज कपूर की पत्नी कृष्णा ने उन्हें कम्फर्टेबल और वेलकम महसूस कराया. ताकि एक पल को भी नरगिस को ऐसा ना लगे कि उनका वहां आना किसी को पसंद नहीं आया. उन्होंने लिखा, "1956 में जागते रहो पूरी करने के बाद नरगिस जी ने आरके स्टूडियो में कदम नहीं रखा था. हालांकि उस दिन वह शादी में शामिल होने के लिए सुनील दत्त के साथ आई थीं. वह चौबीस साल बाद कपूर के किसी प्रोग्राम में शामिल होने को लेकर बहुत घबराई हुई थीं. मेरी मां ने उनकी झिझक को भांपते हुए उन्हें एक तरफ ले जाकर कहा, 'मेरे पति एक खूबसूरत आदमी हैं. वह रोमांटिक भी हैं. मैं अट्रैक्शन को समझ सकती हूं. मैं जानती हूं कि तुम क्या सोच रही हो, लेकिन कृपया पिछली बातों को लेकर खुद को मत कोसो. तुम एक खुशी के मौके पर मेरे घर आई हो और हम आज यहां दोस्त के तौर पर हैं.'"
किताब में ऋषि ने अपने पिता के मामलों पर बात करते हुए शब्दों को नहीं छिपाया. उन्होंने याद किया कि कैसे राज कपूर वैजयंतीमाला के साथ रोमांटिक तौर से जुड़े थे. "मैं बहुत छोटा था जब मेरे पिता का नरगिस जी के साथ रिश्ता था और इसलिए इसका असल मुझपर नहीं हुआ. मुझे याद नहीं कि घर पर भी कुछ गड़बड़ थी. लेकिन मुझे याद है कि जब पापा वैजयंतीमाला से जुड़े थे उस दौरान मैं अपनी मां के साथ मरीन ड्राइव पर नटराज होटल में रहने चला गया था." उन्होंने लिखा. राज कपूर का 1988 में 63 साल की उम्र में निधन हो गया.
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