लखनऊ:
निलंबित आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार के आरोपपत्र पर अपना जवाब सौंपा। उत्तर प्रदेश सरकार ने गौतमबुद्ध नगर में निर्माणाधीन मस्जिद की एक दीवार ढहाने को लेकर उन्हें आरोपपत्र दिया था।
सूत्रों के मुताबिक 28-वर्षीय आईएएस अधिकारी ने शुक्रवार शाम सौंपे अपने जवाब में कहा है कि वह निर्दोष हैं। वह जीबी नगर की एसडीएम थीं।
अखिलेश यादव सरकार ने 4 अगस्त को उन्हें आरोपपत्र दिया था। बालू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने वाली नागपाल को उचित प्रक्रिया का पालन किए बगैर ही कदालपुर गांव में निर्माणाधीन एक मस्जिद की दीवार ढहाने का आदेश देने को लेकर निलंबित कर दिया गया था।
नागपाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी और मुख्यमंत्री की सचिव अनीता सिंह से मिलकर सफाई दी थीं। उनके निलंबन पर पूरे देश में कड़ी प्रतिक्रिया हुई थी।
सूत्रों के मुताबिक 28-वर्षीय आईएएस अधिकारी ने शुक्रवार शाम सौंपे अपने जवाब में कहा है कि वह निर्दोष हैं। वह जीबी नगर की एसडीएम थीं।
अखिलेश यादव सरकार ने 4 अगस्त को उन्हें आरोपपत्र दिया था। बालू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने वाली नागपाल को उचित प्रक्रिया का पालन किए बगैर ही कदालपुर गांव में निर्माणाधीन एक मस्जिद की दीवार ढहाने का आदेश देने को लेकर निलंबित कर दिया गया था।
नागपाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी और मुख्यमंत्री की सचिव अनीता सिंह से मिलकर सफाई दी थीं। उनके निलंबन पर पूरे देश में कड़ी प्रतिक्रिया हुई थी।
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