सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने जीडीपी में गिरावट के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
नई दिल्ली:
सीपीएम (माकपा) ने देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में आई गिरावट के लिए मोदी सरकार की ‘लगातार आर्थिक कुप्रबंधन’ और नोटबंदी को जिम्मेदार बताया.
सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि नोटबंदी करने और बड़े नोट को वापस लेने से गरीब, युवक और अनौपचारिक क्षेत्र के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं जबकि जो बैंकों के कर्ज वापस नहीं कर रहे धन्नासेठ इससे अप्रभावित रहे.
VIDEO : विकास दर में गिरावट
येचुरी ने ट्वीटर पर कहा, “यथार्थ यह है कि जीडीपी के ये अंक वास्तव में बेहद खराब हैं. यह मोदी सरकार के पिछले तीन सालों में लगातार आर्थिक कुप्रबंधन का नतीजा है. नोटबंदी ने इसे और भी खराब कर दिया.” अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी दर तीन साल के सबसे निचले स्तर 5.7 फीसदी पर पहुंच गई. लगातार दूसरी तिमाही में यह चीन से पिछड़ा क्योंकि नोटबंदी के प्रभाव के चलते विनिर्माण सुस्त हो गया और उसके बाद जीएसटी का दौर आया.
(इनपुट एजेंसी से)
सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि नोटबंदी करने और बड़े नोट को वापस लेने से गरीब, युवक और अनौपचारिक क्षेत्र के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं जबकि जो बैंकों के कर्ज वापस नहीं कर रहे धन्नासेठ इससे अप्रभावित रहे.
VIDEO : विकास दर में गिरावट
येचुरी ने ट्वीटर पर कहा, “यथार्थ यह है कि जीडीपी के ये अंक वास्तव में बेहद खराब हैं. यह मोदी सरकार के पिछले तीन सालों में लगातार आर्थिक कुप्रबंधन का नतीजा है. नोटबंदी ने इसे और भी खराब कर दिया.” अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी दर तीन साल के सबसे निचले स्तर 5.7 फीसदी पर पहुंच गई. लगातार दूसरी तिमाही में यह चीन से पिछड़ा क्योंकि नोटबंदी के प्रभाव के चलते विनिर्माण सुस्त हो गया और उसके बाद जीएसटी का दौर आया.
(इनपुट एजेंसी से)