नई दिल्ली\इस्लामाबाद:
पाकिस्तानी वैज्ञानिक खलील चिश्ती भारत में करीब दो दशक का वक्त गुजारने के बाद अपने वतन लौटेंगे। पाकिस्तानी राष्ट्रपति जरदारी ने उनकी अगवानी के लिए विशेष विमान की व्यवस्था की है। और गृहमंत्री रहमान मलिक उनका स्वागत करेंगे।
82 वर्षीय चिश्ती हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं और 10 मई को उच्चतम न्यायालय ने उन्हें कुछ दिन के लिए पाकिस्तान जाने की इजाजत दी।
इससे पहले, शताब्दी ट्रेन से दिल्ली जाते समय जयपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे चिश्ती ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘पाकिस्तान लौटने की मुझे बहुत खुशी है। जल्दी से जल्दी अपने घर पहुंचना चाहता हूं। सालों से मैंने अपने परिजनों को नहीं देखा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुसलमान होने के नाते अल्लाह का शुक्रिया अदा करना मेरा फर्ज है। मैं अपने परिजनों, बच्चों, पत्नी और दोस्तों से मिलूंगा। जब मैं पाकिस्तान पहुंच जाऊंगा तो पूरे देश में घूमना चाहूंगा। मैं लाहौर जाकर सरबजीत सिंह से मिलना चाहूंगा।’’
शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशानुसार चिश्ती पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा करेंगे और एक नवंबर तक भारत लौट आएंगे।
चिश्ती अपनी बीमार मां को देखने के लिए 1992 में अजमेर आए थे। हालांकि वह कथित तौर पर एक झगड़े में फंस गये जिसमें उनके एक रिश्तेदार की मौत हो गई।
शीर्ष अदालत ने अंतत: गत 9 अप्रैल को उन्हें जमानत दी और तब से वह अजमेर में अपने भाई के परिवार के साथ रह रहे थे।
82 वर्षीय चिश्ती हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं और 10 मई को उच्चतम न्यायालय ने उन्हें कुछ दिन के लिए पाकिस्तान जाने की इजाजत दी।
इससे पहले, शताब्दी ट्रेन से दिल्ली जाते समय जयपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे चिश्ती ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘पाकिस्तान लौटने की मुझे बहुत खुशी है। जल्दी से जल्दी अपने घर पहुंचना चाहता हूं। सालों से मैंने अपने परिजनों को नहीं देखा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुसलमान होने के नाते अल्लाह का शुक्रिया अदा करना मेरा फर्ज है। मैं अपने परिजनों, बच्चों, पत्नी और दोस्तों से मिलूंगा। जब मैं पाकिस्तान पहुंच जाऊंगा तो पूरे देश में घूमना चाहूंगा। मैं लाहौर जाकर सरबजीत सिंह से मिलना चाहूंगा।’’
शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशानुसार चिश्ती पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा करेंगे और एक नवंबर तक भारत लौट आएंगे।
चिश्ती अपनी बीमार मां को देखने के लिए 1992 में अजमेर आए थे। हालांकि वह कथित तौर पर एक झगड़े में फंस गये जिसमें उनके एक रिश्तेदार की मौत हो गई।
शीर्ष अदालत ने अंतत: गत 9 अप्रैल को उन्हें जमानत दी और तब से वह अजमेर में अपने भाई के परिवार के साथ रह रहे थे।
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Chisty Leaves For Pakistan, Dr Khalil Chisty, Sarabjit Singh, पाकिस्तान जाएंगे चिश्ती, खलील चिश्ती, सरबजीत सिंह