यह ख़बर 20 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

'रात 11 बजे के बाद दिखाए जाएं द्विअर्थी संवाद वाले कार्यक्रम'

खास बातें

  • टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों के बारे में मिली शिकायत के आधार पर ब्रॉडकास्टिंग कंटेंट कम्प्लेंट्स काउंसिल (बीसीसीसी) ने टेलीविजन चैनलों को निर्देश दिए हैं कि वे द्विअर्थी संवाद वाले अवार्ड समारोह या कोई भी ऐसा कार्यक्रम रात 11 बजे के बाद ही द
नई दिल्ली:

टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों के बारे में मिली शिकायत के आधार पर ब्रॉडकास्टिंग कंटेंट कम्प्लेंट्स काउंसिल (बीसीसीसी) ने टेलीविजन चैनलों को निर्देश दिए हैं कि वे द्विअर्थी संवाद वाले अवार्ड समारोह या कोई भी ऐसा कार्यक्रम रात 11 बजे के बाद ही दिखाएं।

बीसीसीसी ने कहा कि फिल्म अवार्ड समारोहों के प्रसारण को लेकर उसे कई शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों की समीक्षा करने पर पाया गया कि इसमें प्रस्तोता कुछ ऐसे भद्दे मजाक करते हैं, जो महिलाओं तथा अन्य समुदायों को अपमानित करने वाले होते हैं।

बीसीसीसी का इरादा ऐसे कार्यक्रमों पर रोक लगाने का नहीं है, बल्कि इसका मानना है कि यदि इनमें वयस्कों से सम्बंधित मजाक शामिल किए जाते हैं तो इनका प्रसारण रात 11 बजे के बाद ही होना चाहिए।

बीसीसीसी के अनुसार, बहुत से ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिसमें रिकॉर्ड किए गए कार्यक्रम का प्रसारण भी लाइव लिखकर किया जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए।

बीसीसीसी की 13 जुलाई को हुई बैठक में टेलीविजन के रियल्टी शो तथा अन्य कार्यक्रमों में बच्चों की भाग लेने पर भी चर्चा हुई।

बैठक के बाद इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन (आईबीएफ) के सभी सदस्य चैनलों से कहा गया कि वे राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से टेलीविजन धारावाहिक, रियल्टी शो तथ विज्ञापनों में बच्चों की भागीदारी को लेकर जारी निर्देशों का पालन करें।

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बीसीसीसी ने बहुत से रियल्टी शो तथा कार्यक्रमों से पहले, कार्यक्रम के दौरान और बाद में जानवरों को मारने तथा उन्हें नुकसान पहुंचाने पर भी ऐतराज जताया है।