राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह ने कांग्रेस पर सेना के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा है कि वह कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक गुटों से अपील करते हैं कि सुरक्षाकर्मियों के मनोबल को ताक पर रखकर किसी तरह की राजनीति ने करें. आगे बढ़ने से पहले बता दें कि जीतेंद्र सिंह का यह बयान कांग्रेस और नैशनल कॉन्फ्रेंस के उस आरोप के बाद आया जिसमें कहा गया था कि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को युवाओं को समझाना चाहिए न कि गुंडागर्दी भरी भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए.
गुरुवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने हिदायत भरे लहज़े में कहा था कि सैन्य ऑपरेशन के दौरान जवानों पर पथराव करने वाले लोगों को आतंकवादियों का सहयोगी माना जाएगा और उनसे सख्ती से निबटा जाएगा. जनरल रावत ने कहा था कि जो लोग ISIS और पाकिस्तान के झंडे दिखाकर आतंकवाद की मदद करना चाहते हैं उनको देश विरोधी माना जाएगा और बख्शा नहीं जाएगा.
सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि - मैं चेतावनी नहीं, समझाने के लिए अपनी तरफ से हिदायत दे रहा हूं कि अगर आप बाज नहीं आते हैं और अगर आप सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में बाधा बनते हैं तो हम सख्ती से कार्रवाई करेंगे.सेना प्रमुख के इसी बयान के बाद कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने कहा कि जनरल रावत को इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करने से पहले सोचना चाहिए. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मुस्तफा कमल ने कहा था कि 'इस तरह की भाषा तो गुंडे इस्तेमाल करते हैं.'
उधर जीतेंद्र सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि है कि पार्टी खुद से इतनी निराश है कि ऐसे शब्द ला रही है जिसे लोकतंत्र के इतिहास में आज तक इस्तेमाल नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख ने चिंता जताई है, न कि चेतावनी दी है. वह एक अपील थी कि कोई भी फायरिंग लाइन के करीब न आए लेकिन कांग्रेस कुछ और ही दिखा रही है. जीतेंद्र ने कहा कि कांग्रेस जो अपने आपको राष्ट्रीय दल कहती है, सस्ती राजनीति के लिए अलगाववादियों की भाषा बोलने पर मजबूर हो गई है.
सोशल मीडिया पर जवानों द्वारा शिकायत करने को लेकर सेना प्रमुख ने कहा था कि इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि हमारे कुछ जवान हैं जो सोशल मीडिया में प्रोपेगेंडा के जरिए हो सकता है इस तरह के रुख को अपना रहे हों, लेकिन उनका इस तरह का रवैया रहा तो हम सख्ती से पेश आएंगे.
गुरुवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने हिदायत भरे लहज़े में कहा था कि सैन्य ऑपरेशन के दौरान जवानों पर पथराव करने वाले लोगों को आतंकवादियों का सहयोगी माना जाएगा और उनसे सख्ती से निबटा जाएगा. जनरल रावत ने कहा था कि जो लोग ISIS और पाकिस्तान के झंडे दिखाकर आतंकवाद की मदद करना चाहते हैं उनको देश विरोधी माना जाएगा और बख्शा नहीं जाएगा.
सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि - मैं चेतावनी नहीं, समझाने के लिए अपनी तरफ से हिदायत दे रहा हूं कि अगर आप बाज नहीं आते हैं और अगर आप सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में बाधा बनते हैं तो हम सख्ती से कार्रवाई करेंगे.सेना प्रमुख के इसी बयान के बाद कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने कहा कि जनरल रावत को इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करने से पहले सोचना चाहिए. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मुस्तफा कमल ने कहा था कि 'इस तरह की भाषा तो गुंडे इस्तेमाल करते हैं.'
उधर जीतेंद्र सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि है कि पार्टी खुद से इतनी निराश है कि ऐसे शब्द ला रही है जिसे लोकतंत्र के इतिहास में आज तक इस्तेमाल नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख ने चिंता जताई है, न कि चेतावनी दी है. वह एक अपील थी कि कोई भी फायरिंग लाइन के करीब न आए लेकिन कांग्रेस कुछ और ही दिखा रही है. जीतेंद्र ने कहा कि कांग्रेस जो अपने आपको राष्ट्रीय दल कहती है, सस्ती राजनीति के लिए अलगाववादियों की भाषा बोलने पर मजबूर हो गई है.
सोशल मीडिया पर जवानों द्वारा शिकायत करने को लेकर सेना प्रमुख ने कहा था कि इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि हमारे कुछ जवान हैं जो सोशल मीडिया में प्रोपेगेंडा के जरिए हो सकता है इस तरह के रुख को अपना रहे हों, लेकिन उनका इस तरह का रवैया रहा तो हम सख्ती से पेश आएंगे.
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