यह ख़बर 22 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

डीएमके ने 33 नेताओं को निलंबित किया, पार्टी से निकालने की दी धमकी

डीएमके प्रमुख करुणानिधि (फाइल तस्वीर)

चेन्नई:

अनुशासनहीनता बर्दाश्त न करने का कड़ा संदेश देते हुए डीएमके ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएस पलानिमणिकम सहित 33 वरिष्ठ नेताओं को निलंबित कर दिया और कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि हालिया लोकसभा चुनावों में हुई पार्टी की हार के मद्देनजर उन्हें पार्टी से क्यों न निकाल दिया जाए।

एक आंतरिक समिति की सिफारिश के आधार पर डीएमके ने यह कार्रवाई की है। समिति ने लोकसभा चुनावों में हार के लिए कुछ नेताओं की चूक और अनुशासनहीनता को जिम्मेदार ठहराया था। इसके अलावा असफल उम्मीदवारों, चुनाव प्रबंधकों और पार्टी कार्यकर्ताओं की राय भी ली गई थी।

डीएमके महासचिव के अनबझगान ने एक बयान में कहा कि राज्यसभा सदस्य केपी रामालिंगम सहित नेताओं से कहा गया है कि वे एक हफ्ते के भीतर अपना जवाब दें और ऐसा न करने पर पार्टी यह मान लेगी कि उन्हें कोई स्पष्टीकरण नहीं देना है। इसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाएगा।

अनबझगान ने कहा कि पार्टी ने निलंबित किए गए नेताओं को उनके मौजूदा पदों से भी हटा दिया गया है। डीएमके ने वरिष्ठ नेताओं के अलावा कुछ जिला एवं नगर सचिवों के खिलाफ भी कार्रवाई की है।


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