यह ख़बर 21 फ़रवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

बंधक संकट : उड़ीसा सरकार ने मानी 14 में से 8 मांगें

खास बातें

  • उड़ीसा सरकार ने जिलाधिकारी कृष्णा और जूनियर इंजीनियर मांझी की रिहाई के लिए नक्सलियों की ओर से रखी गई 14 में से आठ मांगे मान ली हैं।
भुवनेश्वर:

उड़ीसा सरकार ने मलकानगिरी के जिलाधिकारी आर. विनील कृष्णा और जूनियर इंजीनियर पबित्र मोहन मांझी की रिहाई के लिए नक्सलियों की ओर से रखी गई 14 में से आठ मांगे मान ली है। राज्य के गृह सचिव यूएन बेहरा ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों अधिकारी सुरक्षित हैं और जल्द ही उन्हें रिहा कर लिया जाएगा। बेहरा और पंचायती राज सचिव एसएन त्रिपाठी ने राज्य के अतिथि गृह में नक्सलियों के मध्यस्थ जी. हरगोपाल, आर. सोमेश्वर राव और दंडपाणि मोहंती के साथ दूसरे दौर की बातचीत के बाद संवाददाताओं को बताया, "हम अभी तक आठ मुद्दों पर सहमत हुए हैं। हमें विश्वास है कि जिलाधिकारी और इंजीनियर को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा।" उन्होंने बताया कि मंगलवार को भी बातचीत जारी रहेगी। बातचीत का पहला दौर रविवार को शुरू हुआ था। कृष्णा की रिहाई को लेकर नक्सलियों ने सरकार को मांगों की एक सूची सौंपी है, जिसमें नक्सल-विरोधी अभियान रोकने, एक शीर्ष नेता की रिहाई, बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के साथ हुए समझौतों को रद्द करने और पुलिस हिरासत में मारे गए नक्सल समर्थकों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग शामिल है। मलकानगिरी जिले के जिलाधिकारी कृष्णा और एक जूनियर इंजीनियर पबित्र मोहन मांझी को नक्सलियों ने 16 फरवरी को अगवा कर लिया था।


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