केरल में डीआरडीओ की एनपीओएल प्रयोगशाला ने रिकार्ड समय में कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक यूवी आधारित लगेज डिसइनफ़ेक्टर सिस्टम तैयार किया है. इस सिस्टम से सामान को सेनेटाइज किया जाता है. वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों में फंसे जो भारतीय कोचीन उतर रहे हैं उनके समान को डिसइन्फेक्ट किया जा रहा है. कोचीन हवाई अड्डे पर यह कीटाणुनाशक प्रणाली पूरी तरह से ऑटोमेटिक है. इसमें दो स्टेज में डिसइन्फेक्शन होता है. पहले चरण में सोडियम हाइपोक्लोरेट और दूसरे चरण में यूवी किरणों से सामान को गुजरना होता है. इसे डीआरडीओ ने कोचीन हवाई अड्डे और भारतीय नौसेना के लिए तब डिजाइन किया था जब कोरोना महामारी शुरु हुई थी. ऐसे सिस्टम केरल के बाकी तीनों हवाई अड्डे कुन्नूर, कोझीकोडे और तिरुवनंतपुरम में लगाने को कहा गया है.
एनपीओएल के निदेशक विजयन पिल्लई ने कहा कि कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई में सिस्टम स्थापित किया गया है वह एक यूवी बैगेज स्कैनर का विस्तार है जिसे भारतीय नौसेना के लिए और हमारे स्वयं के उपयोग के लिए भी विकसित किया जा रहा है.
बता दें कि कोरोनावायरस की वजह से देश में जारी लॉकडाउन के कारण विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने का अभियान शुरू किया जा चुका है. सरकार ने इसे 'वंदे भारत मिशन' नाम दिया है. 'वंदे भारत मिशन' के तहत अबू धाबी और दुबई से 363 भारतीय आज वापस स्वदेश लाए गए. दोनों विशेष उड़ानें गुरुवार रात केरल में लैंड हुईं. भारतीय नागरिकों को लेकर एयर इंडिया एक्सप्रेस का पहला विमान गुरुवार को अबू धाबी से केरल के कोच्चि पहुंचा.
विमान ने अबू धाबी से कोच्चि के लिए शाम 5:07 बजे (स्थानीय समयानुसार) उड़ान भरी. वहीं, दूसरी फ्लाइट दुबई से शाम 5:46 बजे (स्थानीय समय) कोझिकोड के लिए रवाना हुई थी. एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने बताया कि चार नवजात शिशुओं और 177 यात्रियों को लेकर पहला विमान रात 10 बजकर नौ मिनट पर कोच्चि के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा. केरल सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि वापस लौटे नागरिकों को उनके संबंधित जिलों में प्रशासन द्वारा तैयार क्वारेंटाइन सेंटरों में रखा जाएगा.
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