पंजाब में कांग्रेस (Punjab Congress) की कलह घटने की बजाय बढ़ती जा रही है. नवजोत सिद्धू (Navjot Sidhu) लगातार सार्वजनिक मंच से अपनी ही सरकार को विभिन्न मुद्दों पर कठघरे में खड़ा करने से नहीं चूक रहे हैं. पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू ने सोमवार को फिर सोशल मीडिया में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) पर बड़ा सवालिया निशान लगाया है. सिद्धू ने सोमवार सुबह कहा कि विधानसभा के एक दिन के सत्र से मुद्दे हल नहीं होंगे. इसे कम से कम पांच से सात दिन का किया जाना चाहिए.
"मुझे फैसले लेने दें, वरना..." नवजोत सिंह सिद्धू की कांग्रेस नेतृत्व को दो टूक
सिद्धू ने कैप्टन के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वार्षिक प्रकाशोत्सव को समर्पित एक दिन के विधानसभा सत्र की वह प्रशंसा करते हैं, लेकिन उन्हें सरबत के भलाई की विचारधारा को नहीं भूलना चाहिए. पंजाब कांग्रेस प्रमुख ने कहा, सबका फायदा करने वाले मुद्दे हल किए जाने चाहिए. सिद्धू ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब राज्य बिजली नियामक आयोग को आदेश जारी करे ताकि वह बिजली कानून 2003 के तहत कम दाम पर बिजली खरीद सके.
ईंट से ईंट बजाने का दिया था बयान
नवजोत सिद्धू ने दावा किया कि पंजाब को इससे सीधे 50 हजार करोड़ रुपये की बड़ी बचत होगी. वहीं आम जनता को तत्काल 1.5 से दो रुपये की राहत प्रति यूनिट पर मिलेगी. सिद्धू ने कुछ दिनों पहले सार्वजनिक मंच से नेतृत्व को चेतावनी देते हुए कहा था कि उन्हें फैसले लेना दिया जाए अन्यथा वो ईंट से ईंट बजा देंगे. वहीं कैप्टन ने सलाहकारों के बयानों को लेकर सिद्धू पर निशाना साधा था. सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह माली ने बाद में इस्तीफा भी दे दिया था
सतलुज यमुना का मुद्दा भी याद दिलाया
नवजोत सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को सतलुज-युमना लिंक (SYL) नहर के कानून की याद भी दिलाई. उन्होंने कहा कि कड़े कदम उठाए जाएं और कानून लाकर गलत बिजली खरीद समझौते (PPA) को खारिज किया जाए. गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में बिजली नियामक आय़ोग को सभी निजी बिजली संयंत्रों को महंगी बिजली व जरूरत के वक्त आपूर्ति न होने पर नोटिस जारी करने की मंजूरी दी है.
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