नई दिल्ली:
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खुद को हिन्दू राष्ट्रवादी बताने संबंधी बयान की आलोचना करते हुए कहा कि मोदी देश को धर्म के आधार पर न बांटें।
मोदी के बयान से सियासी हलचल मचने के एक दिन बाद दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर कहा, क्या हमें हिन्दू राष्ट्रवादी या मुस्लिम राष्ट्रवादी या सिख राष्ट्रवादी या इसाई राष्ट्रवादी होने की बजाय राष्ट्रवादी भारतीय नहीं होना चाहिए?
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में संघ परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, इस महान राष्ट्र को सावरकर और जिन्ना की तरह धर्म के आधार पर न बांटें। वे दोनों दो राष्ट्र के सिद्धांत के जनक थे।
दिग्विजय ने हर प्रकार के कट्टरवाद की निंदा करते हुए एक अन्य ट्वीट में कहा कि उन्होंने पाकिस्तान की मलाला यूसुफई को संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते सुना। लड़कियों को शिक्षित किए जाने की समर्थक मलाला को तालिबानियों ने गोली मार दी थी, लेकिन उसे बचा लिया गया था।
दिग्विजय ने 16-वर्षीय मलाला की प्रशंसा करते हुए कहा, उसने तालिबान और हर प्रकार के कट्टरवाद की जोरदार तरीके से आलोचना की। वह वैश्विक साक्षरता की प्रतीक बन गई है। उसे बधाई हो। आओ हम सभी उस बात के लिए लड़ने का संकल्प लें, जिसके लिए वह खड़ी हुई है। ईश्वर उसे लंबी आयु और ताकत दे।
दिग्विजय ने ऐसे समय पर ट्वीट किया है, जब मोदी ने गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर काबू पाने के लिए कोई कदम न उठाने के आरोपों के खिलाफ खुद का बचाव करने की कोशिश की थी। मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा था, यदि मैं कार की पीछे की सीट पर बैठा हूं और एक छोटा कुत्ते का बच्चा कार के पहियों के नीचे आ जाता है, तो क्या यह दुखद नहीं है? निश्चित रूप से यह दुखद होगा। मैं भले ही मुख्यमंत्री हूं या नहीं हूं, मैं एक इंसान हूं। यदि कहीं कुछ बुरा होता है, तो मुझे दुख होगा। मोदी ने कहा कि उन्होंने 2002 के दंगों के दौरान बिल्कुल सही कदम उठाए और उनकी सरकार ने हालात ठीक करने के लिए अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल किया।
मोदी ने कहा था, मैं राष्ट्रवादी हूं। मैं देशभक्त हूं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। मैंने हिन्दू परिवार में जन्म लिया है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अत: मैं एक हिन्दू राष्ट्रवादी हूं। तो हां, आप कह सकते हैं कि मैं एक हिन्दू राष्ट्रवादी हूं, क्योंकि मैं जन्म से एक हिन्दू हूं।
मोदी के बयान से सियासी हलचल मचने के एक दिन बाद दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर कहा, क्या हमें हिन्दू राष्ट्रवादी या मुस्लिम राष्ट्रवादी या सिख राष्ट्रवादी या इसाई राष्ट्रवादी होने की बजाय राष्ट्रवादी भारतीय नहीं होना चाहिए?
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में संघ परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, इस महान राष्ट्र को सावरकर और जिन्ना की तरह धर्म के आधार पर न बांटें। वे दोनों दो राष्ट्र के सिद्धांत के जनक थे।
दिग्विजय ने हर प्रकार के कट्टरवाद की निंदा करते हुए एक अन्य ट्वीट में कहा कि उन्होंने पाकिस्तान की मलाला यूसुफई को संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते सुना। लड़कियों को शिक्षित किए जाने की समर्थक मलाला को तालिबानियों ने गोली मार दी थी, लेकिन उसे बचा लिया गया था।
दिग्विजय ने 16-वर्षीय मलाला की प्रशंसा करते हुए कहा, उसने तालिबान और हर प्रकार के कट्टरवाद की जोरदार तरीके से आलोचना की। वह वैश्विक साक्षरता की प्रतीक बन गई है। उसे बधाई हो। आओ हम सभी उस बात के लिए लड़ने का संकल्प लें, जिसके लिए वह खड़ी हुई है। ईश्वर उसे लंबी आयु और ताकत दे।
दिग्विजय ने ऐसे समय पर ट्वीट किया है, जब मोदी ने गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर काबू पाने के लिए कोई कदम न उठाने के आरोपों के खिलाफ खुद का बचाव करने की कोशिश की थी। मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा था, यदि मैं कार की पीछे की सीट पर बैठा हूं और एक छोटा कुत्ते का बच्चा कार के पहियों के नीचे आ जाता है, तो क्या यह दुखद नहीं है? निश्चित रूप से यह दुखद होगा। मैं भले ही मुख्यमंत्री हूं या नहीं हूं, मैं एक इंसान हूं। यदि कहीं कुछ बुरा होता है, तो मुझे दुख होगा। मोदी ने कहा कि उन्होंने 2002 के दंगों के दौरान बिल्कुल सही कदम उठाए और उनकी सरकार ने हालात ठीक करने के लिए अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल किया।
मोदी ने कहा था, मैं राष्ट्रवादी हूं। मैं देशभक्त हूं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। मैंने हिन्दू परिवार में जन्म लिया है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अत: मैं एक हिन्दू राष्ट्रवादी हूं। तो हां, आप कह सकते हैं कि मैं एक हिन्दू राष्ट्रवादी हूं, क्योंकि मैं जन्म से एक हिन्दू हूं।
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