
दिग्विजय सिंह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
मुस्लिमों में तीन तलाक पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी पर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. बीजेपी और शिवसेना ने इसका समर्थन किया है. कांग्रेस ने भी कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत किया है. लेकिन कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह पार्टी लाइन से हटकर अपनी अलग राय दी है.
उन्होंने अदालत से धर्म के मामले में दखलअंदाजी न करने की अर्ज की है. दिग्विजय ने ट्विटर पर लिखा, "मैं बड़ी विनम्रतापूर्वक से माननीय अदालतों से अनुरोध करना चाहूंगा कि उन्हें धर्म और धर्मों के रीति रिवाज में दख़लंदाज़ी नहीं करना चाहिये.”
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि तीन तलाक असंवैधानिक है और कोई पर्सनल लॉ बोर्ड संविधान से ऊपर नहीं है. अदालत ने कहा, "तीन तलाक असंवैधानिक है, यह मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन है. संविधान से ऊपर कोई पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं है."
दिग्विजय का यह ट्वीट कई यूजर्स को रास नहीं आया. कई ट्विटर यूजर्स ने उन्हें अपने निशाने पर ले लिया और उनके ट्वीट के जवाब में कई ट्वीट किए.
एक यूजर कांति ने लिखा,
सुनील कुमार लाल ने लिखा, "क्या यही बात राम मंदिर, शनि मंदिर और शबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश, दही हांडी की ऊंचाई तय करने के मामले में भी कह सकेंगे दिग्विजय."
उन्होंने अदालत से धर्म के मामले में दखलअंदाजी न करने की अर्ज की है. दिग्विजय ने ट्विटर पर लिखा, "मैं बड़ी विनम्रतापूर्वक से माननीय अदालतों से अनुरोध करना चाहूंगा कि उन्हें धर्म और धर्मों के रीति रिवाज में दख़लंदाज़ी नहीं करना चाहिये.”
मैं बड़ी विनम्रतापूर्वक से मा. अदालतों से अनुरोध करना चाहूँगा कि उन्हें धर्म और धर्मों के रीति रिवाज में दख़लंदाज़ी नहीं करना चाहिये।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 8, 2016
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि तीन तलाक असंवैधानिक है और कोई पर्सनल लॉ बोर्ड संविधान से ऊपर नहीं है. अदालत ने कहा, "तीन तलाक असंवैधानिक है, यह मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन है. संविधान से ऊपर कोई पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं है."
दिग्विजय का यह ट्वीट कई यूजर्स को रास नहीं आया. कई ट्विटर यूजर्स ने उन्हें अपने निशाने पर ले लिया और उनके ट्वीट के जवाब में कई ट्वीट किए.
एक यूजर कांति ने लिखा,
@digvijaya_28,मै बड़ी विनम्रता से कह रही हू कि अदालत के फैसले पर बिना वजह टॉग न अड़ाए क्योंकि भारत के संविधान से बढ़ कर कोई र्धम नही है
— kanti (@kanti81877247) December 8, 2016
सुनील कुमार लाल ने लिखा, "क्या यही बात राम मंदिर, शनि मंदिर और शबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश, दही हांडी की ऊंचाई तय करने के मामले में भी कह सकेंगे दिग्विजय."
एक यूजर अभिषेक मिश्रा ने लिखा,क्या यही बात राम मंदिर,शनि मंदिर और शबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश,दही हांडी की ऊँचाई तय करने के मामले मे भी कह सकेंगे दिग्विजय सिंह https://t.co/o8C7mKMf6O
— Sunil Kumar Lal (@ssunilkumarlal) December 8, 2016
@digvijaya_28 कभी श्रीराम मंदिर के लिये भी विनम्रतापूर्वक आग्रह किया होता न्यायालयों से और देश के मुसलमानों से ।
— Abhishek Mishra (@Abhishek_Mshra) December 8, 2016
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