मोहम्मद अजमल हक को असम पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासी बताया था
गुवाहाटी:
सेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी को अपनी नागरिकता साबित करने का नोटिस देने पर फजीहत झेलने के बाद असम पुलिस ने आज इसे ‘गलत पहचान’ का मामला बताया. असम के पुलिस महानिदेशक मुकेश सहाय ने संवाददाताओं बात करते हुए कहा कि शुरूआती जांच के बाद ऐसा लगता है कि यह गलत पहचान का मामला है, क्योंकि जेसीओ और संदिग्ध विदेशी नागरिक के नाम में काफी समानता है, जिस वजह से उन्हें नोटिस चला गया.
यह भी पढ़ें: 30 साल देश की सेवा का ये ईनाम! आर्मी के रिटायर्ड अफसर को बताया बांग्लादेशी नागरिक
सेना से जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) के तौर पर सेवानिवृत्त हुए असम के रहने वाले मोहम्मद अजमल हक को पिछले महीने एक विदेशी अधिकरण ने नोटिस भेजकर कहा था कि साबित करें कि वह भारतीय नागरिक हैं, न कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासी.
VIDEO: गोला बारूद की भारी कमी से जूझ रही है भारतीय सेना: सीएजी रिपोर्ट
इस संबंध में हक ने एनडीटीवी से बातचीत करते हुए कहा था कि अगर मैं अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हूं तो फिर मैंने भारतीय सेना में कैसे अपनी सेवा दी. मैं बहुत दुखी हूं. 30 साल देश की सेवा करने का मुझे ये इनाम मिला है. मेरी पत्नी को भी इसी तरीके से प्रताड़ित किया गया था.
यह भी पढ़ें: 30 साल देश की सेवा का ये ईनाम! आर्मी के रिटायर्ड अफसर को बताया बांग्लादेशी नागरिक
सेना से जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) के तौर पर सेवानिवृत्त हुए असम के रहने वाले मोहम्मद अजमल हक को पिछले महीने एक विदेशी अधिकरण ने नोटिस भेजकर कहा था कि साबित करें कि वह भारतीय नागरिक हैं, न कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासी.
VIDEO: गोला बारूद की भारी कमी से जूझ रही है भारतीय सेना: सीएजी रिपोर्ट
इस संबंध में हक ने एनडीटीवी से बातचीत करते हुए कहा था कि अगर मैं अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हूं तो फिर मैंने भारतीय सेना में कैसे अपनी सेवा दी. मैं बहुत दुखी हूं. 30 साल देश की सेवा करने का मुझे ये इनाम मिला है. मेरी पत्नी को भी इसी तरीके से प्रताड़ित किया गया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं