डीजीसीए ने दिल्ली-श्रीनगर उड़ान के दौरान एयर ट्रैफिक सर्विसेज को गलती से 'हाईजैक कोड' प्रसारित करने पर लिए एयरएशिया इंडिया के पायलट को शुक्रवार को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया. यह मामला नौ जून का है. सूत्रों ने बताया, 'एयरएशिया इंडिया के I5-715 की उड़ान में एक इंजन बंद हो गया था, तो ऐसे में प्रथम अधिकारी (पायलट) कैप्टन रवि राज को एयर ट्रैफिक सर्विसेज (एटीएस) प्राधिकरण को आपातकालीन कोड 7700 को प्रेषित करना था लेकिन उन्होंने गलती से एटीएस को हाईजैक कोड 7500 भेज दिया.' सूत्रों के अनुसार, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मामले पर गौर करते हुये 28 जून को पायलट को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. उन्होंने कहा, 'हालांकि, प्राप्त उत्तर संतोषजनक नहीं था, तो इस अधिकारी को डीजीसीए ने शुक्रवार को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया.'
निलंबन के तीन महीने की अवधि की गणना घटना के दिन से की जायेगी. सूत्रों ने कहा कि एयरएशिया दिल्ली-श्रीनगर उड़ान के पायलट-इन-कमांड कैप्टन किरण सांगवान को डीजीसीए ने शुक्रवार को "प्रथम अधिकारी के कार्य की सही ढंग से देखरेख नहीं करने" की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, "पायलट-इन-कमांड को भविष्य में अधिक सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है. चूंकि घटना के दिन से वह उड़ान कार्य में नहीं थीं, इसलिए डीजीसीए द्वारा शुक्रवार से उसे उड़ान कार्य फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी गई." दरअसल, जब कोई फ्लाइट 7500 कोड भेजती है, तो आस-पास की एटीएस केन्द्रों को संदेश मिलता है कि इस विमान का अपहरण कर लिया गया है. उसके बाद एटीएस केन्द्र, पायलटों से यह पुष्टि करने को कहता है कि क्या विमान अपहरण कर लिया गया है? यदि पायलट पुष्टि करते हैं कि विमान को अपहरण कर लिया गया है, तो एटीएस को सुरक्षा अधिकारियों को सूचित करना होता है. (इनपुट-भाषा)