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This Article is From Feb 22, 2022

'फरलो’ पर रिहा हुए डेरा प्रमुख राम रहीम को Z प्लस सुरक्षा मिली, यह है कारण...

डेरा प्रमुख सिरसा में अपने आश्रम में दो महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहा है.

'फरलो’ पर रिहा हुए डेरा प्रमुख राम रहीम को Z प्लस सुरक्षा मिली, यह है कारण...
चंडीगढ़:

डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda)प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह (Gurmeet Ram Rahim Singh)को हरियाणा की एक जेल से‘फरलो'(furlough) पर 21 दिनों की रिहाई के दौरान जेड प्लस सुरक्षा दी गयी है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सिंह को सात फरवरी को रिहा होने के बाद उच्च श्रेणी की सुरक्षा दी गयी थी, क्योंकि सिंह की जान को ''खालिस्तान समर्थक'' तत्वों से खतरा है.हरियाणा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से रोहतक रेंज के आयुक्त को हाल ही में भेजे एक संदेश में कहा गया है, ‘‘यदि कैदी को पैरोल पर रिहा किया जाता है, तो मौजूदा नियमों के अनुसार जेड-प्लस सुरक्षा या समतुल्य सुरक्षा प्रदान की जा सकती है, क्योंकि कैदी को भारत और विदेशों में कट्टरपंथी सिख चरमपंथियों से उच्च स्तरीय खतरा है.''

आधिकारिक संवाद में कहा गया है, 'खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं से गुरमीत राम रहीम सिंह को खतरे के संबंध में विश्वसनीय जानकारी है.'डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को सात फरवरी को रिहा किया गया था, जब हरियाणा सरकार ने निष्कर्ष निकाला था कि वह कट्टर कैदियों की श्रेणी में नहीं आता है. सिंह इस समय अपने गुरुग्राम आश्रम में है और उसे कड़ी सुरक्षा में रखा गया है. गुरमीत राम रहीम सिंह को ‘फरलो' दिए जाने से पहले, जेल अधिकारियों के आग्रह पर कानूनी राय ली गयी थी कि क्या सिंह कट्टर अपराधियों की श्रेणी में आता है या नहीं.

सिंह को 21 दिनों की छुट्टी पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले मिली थी. पंजाब में इस पंथ के बड़ी संख्या में अनुयायी हैं, खासकर बठिंडा, संगरूर, पटियाला और मुक्तसर में.सात फरवरी को, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सिंह की रिहाई और 20 फरवरी को पंजाब विधानसभा चुनाव के बीच कोई संबंध होने से इनकार किया था. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यह एक संयोग है और इसका चुनाव से कोई संबंध नहीं है.'डेरा प्रमुख सिरसा में अपने आश्रम में दो महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहा है. सिंह को अगस्त 2017 में पंचकूला में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था. पिछले साल सिंह को 2002 में डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के लिए भी चार अन्य लोगों के साथ दोषी ठहराया गया था. डेरा प्रमुख और तीन अन्य को 2019 में 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था.

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