लॉकडाउन के चलते नहीं आ सके बेटे तो बहू ने किया सास का अंतिम संस्कार

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में लॉकडाउन के दौरान सदियों से चली आ रही परंपराएं टूट गईं. बेटों के घर नहीं पहुंच पाने की स्थिति में बहू ने ही सास का अंतिम संस्कार किया.  

लॉकडाउन के चलते नहीं आ सके बेटे तो बहू ने किया सास का अंतिम संस्कार

प्रतीकात्मक

गोरखपुर:

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में लॉकडाउन के दौरान सदियों से चली आ रही परंपराएं टूट गईं. बेटों के घर नहीं पहुंच पाने की स्थिति में बहू ने ही सास का अंतिम संस्कार किया.सुमित्रा देवी (70) के तीन बेटे जिले से बाहर काम करते हैं. वह अपनी बहू नीतू के साथ सलेमपुर थानाक्षेत्र के सोहनाग रोड स्थित किराये के मकान में रहती थीं. शुक्रवार को अचानक सुमित्रा की तबियत खराब हुई तो बहू उसे एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गयी जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. नीतू ने अपने पति और उसके दो भाइयों से आने के लिए संपर्क किया ताकि वे अंतिम संस्कार कर सकें लेकिन लॉकडाउन के चलते तीनों ही नहीं पहुंच पाए. 

आखिर में नीतू ने सलेमपुर के नगर पंचायत के अध्यक्ष जे पी मधेसिया से संपर्क साधा और सास का अंतिम संस्कार किया. मधेसिया ने संवाददाताओं से कहा कि नीतू एक बहादुर बेटी है और उसने ना सिर्फ सास के शव को कंधा दिया बल्कि चिता को मुखाग्नि भी दी. उन्होंने कहा, 'मुझे उस पर गर्व है.''बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है, जो 14 अप्रैल तक चलेगा. 

गौर हो कि भारत में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3072 हो गई है. देश में कोविड-19 से मृतकों की संख्या 75 हो गई है जबकि पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 525 नए मामले सामने आए हैं. कोरोना वायरस की रफ्तार ने बीते 24 घंटों में जबरदस्त तेजी से बढ़ी है. इस दौरान 525 मरीज सामने आए हैं. इन्हीं खबरों के बीच एक अच्छी खबर यह है कि इसके संक्रमण से कुल 213 लोग ठीक हो चुके हैं. यह आंकड़े स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए हैं.

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