वन रैंक- वन पेंशन के लिए अहमदाबाद में प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिक (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सेना के रिटायर्ड शीर्ष अधिकारियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वन रैंक-वन पेंशन मामले में तत्काल हस्तक्षेप की गुहार लगाते हुए सतर्क किया इसे खारिज करने से सेना के जवानों और अफसरों के बीच संबंधों में गंभीर नुकसान पहुंचेंगे।
राष्ट्रपति को लिखी खुली चिट्ठी में सेना के पूर्व प्रमुख जनरल एसएफ रॉड्रीग्ज़, नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल एल रामदास, अरुण प्रकाश और सुरेश मेहता के हस्ताक्षर हैं। इसमें कहा गया है कि 'वन रैंक-वन पेंशन की मांग खारिज किया जाना पूर्व सैनिकों के धैर्य को तोड़ने वाला आखिरी कदम होगा।'
ये चिट्ठी स्वतंत्रता दिवस के कुछ ही दिनों से पहले लिखी गई है। यहां ऐसी संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में इस बाबत कुछ बड़ी घोषणा कर सकते हैं।
आपको बता दें कि पूर्व सैनिकों की वन रैंक - वन पेंशन की मांग काफी पुरानी है, जिसमें सैन्य बलों से समान रैंक पर रिटायर्ड होने अधिकारियों और जवानों के लिए एक समान पेंशन का प्रस्ताव है।
राष्ट्रपति को लिखी खुली चिट्ठी में सेना के पूर्व प्रमुख जनरल एसएफ रॉड्रीग्ज़, नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल एल रामदास, अरुण प्रकाश और सुरेश मेहता के हस्ताक्षर हैं। इसमें कहा गया है कि 'वन रैंक-वन पेंशन की मांग खारिज किया जाना पूर्व सैनिकों के धैर्य को तोड़ने वाला आखिरी कदम होगा।'
ये चिट्ठी स्वतंत्रता दिवस के कुछ ही दिनों से पहले लिखी गई है। यहां ऐसी संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में इस बाबत कुछ बड़ी घोषणा कर सकते हैं।
आपको बता दें कि पूर्व सैनिकों की वन रैंक - वन पेंशन की मांग काफी पुरानी है, जिसमें सैन्य बलों से समान रैंक पर रिटायर्ड होने अधिकारियों और जवानों के लिए एक समान पेंशन का प्रस्ताव है।
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