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This Article is From Jun 18, 2020

सेना ने पूर्वी लद्दाख में देमचोक और पैंगोंग के गांवों को खाली करने को कहा: सूत्र

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, सेना ने पूर्वी लद्दाख में देमचोक और पैंगोंग के गांवों को खाली करने को कहा है. इसके साथ ही सेना के मूवमेंट में बढ़ोतरी आई है. सीमावर्ती इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी बन्द है और आम लोगों के लिए श्रीनगर लेह हाईवे को बंद किया गया.

सेना ने पूर्वी लद्दाख में देमचोक और पैंगोंग के गांवों को खाली करने को कहा: सूत्र
लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक संघर्ष हो गया था
नई दिल्ली:

Ladakh Clash: लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए हिंसक संघर्ष (Ladakh Clash) के बाद एलएसी के आसपास तनाव की स्थिति है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, सेना ने पूर्वी लद्दाख में देमचोक और पैंगोंग के गांवों को खाली करने को कहा है. इसके साथ ही सेना के मूवमेंट में बढ़ोतरी आई है. सीमावर्ती इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी बन्द है सूत्रों ने बताया कि यदि चीन ने कोई दुःसाहस किया तो सेना मुंहतोड़ जवाब देगी. चीन द्वारा सैनिकों की तैनाती बढ़ाने के बाद भारत ने गलवान घाटी, दौलत बेग ओल्डी,चुशुल और देपसांग में अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है. पहले जानकारी मिली थी कि आम लोगों के लिए श्रीनगर-लेह हाईवे को बंद किया गया है, हालांकि अब पुलिस कह रही है कि यह हाइवे बंद नही किया गया है, लेकिन इस पर कई जगहो पर पुलिस और सेना के नाके लग गए है जहां से होकर आम आदमी आसानी से श्रीनगर से लेह नही जा सकता है.

सेना (Indian army)को आशंका है कि भारत पर दवाब बढ़ाने के लिए चीन पीओके में भी पीएलए की तैनाती कर सकता है. भारत एलएसी पर फायरिंग नहीं करने के नियमों में बदलाव भी करने पर विचार कर रहा है. इधर वायुसेना और नौसेना भी हाई अलर्ट पर है खासकर चीन से लगी सीमा पर.चीन ने भी भारत से लगती सीमा पर अपनी सैनिको की तैनाती बढाई है. सीमा पर मामला सुलझाने की कोशिश जारी है लेकिन हालात बेहद तनावपूर्ण हैं.

हिंसक झड़प के मुद्दे पर बुधवार को भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच फोन पर बात हुई थी. इस बातचीत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से कहा कि 'चीनी सैनिकों ने पूर्व नियोजित और योजना के मुताबिक कार्रवाई की जो सीधे तौर पर लद्दाख की गालवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प का कारण बनी.' विदेश मंत्री ने दोटूक अंदाज में कहा कि 'इस घटना' से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा और चीन को अपनी कार्रवाई का पुनर्मूल्‍यांकन करने और सुधारात्‍मक कदम उठाने की जरूरत है. दोनों नेताओं ने तनाव को काम करने पर सहमति जताई और कहा "कोई भी पक्ष मामले को बढ़ाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करेगा और इसके बजाय, द्विपक्षीय करारों और प्रोटोकॉल के अनुसार शांति सुनिश्चित करेगा." 

गौरतलब है कि  पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. झड़प में चीनी पक्ष के करीब 45 सैनिकों की मौत की खबर है. जानकारी के अनुसार, लद्दाख में हिंसक झड़प उस समय शुरू हुइ जब भारतीय सैनिक सीमा के भारत की तरफ चीनी सैनिकों द्वारा लगाए गए टेंट को हटाने गए थे. चीन ने 6 जून को दोनों पक्षों के लेफ्टिनेंट जनरल-रैंक के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद इस टेंट को हटाने पर सहमति जताई थी. सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय कर्नल बीएल संतोष बाबू को निशाना बनाने के बाद एक शारीरिक संघर्ष छिड़ गया और दोनों पक्षों के बीच डंडों, पत्‍थरों और रॉड का जमकर इस्‍तेमाल हुआ था.

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