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This Article is From Feb 27, 2020

Delhi Violence: नरेश गुजराल ने अमित शाह को पत्र लिखकर पुलिस की उदासीनता पर उठाए सवाल, कहां- 'जब सांसद की शिकायत पर भी...'

पूर्व प्रधानमंत्री इंद्रकुमार गुजराल के पुत्र नरेश गुजराल ने गृहमंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिख कर दिल्ली पुलिस की उदासीनता पर उठाए सवाल.

Delhi Violence: नरेश गुजराल ने अमित शाह को पत्र लिखकर पुलिस की उदासीनता पर उठाए सवाल, कहां- 'जब सांसद की शिकायत पर भी...'
नरेश गुजराल ने अमित शाह को लिखा पत्र (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

नागरिकता कानून को लेकर दिल्ली में हुए हिंसा में कई लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए. इस मामले को लेकर BJP की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (SAD) के सांसद नरेश गुजराल ने गृहमंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल अनिल बैजल को खत लिखा. पूर्व प्रधानमंत्री इंद्रकुमार गुजराल के पुत्र नरेश गुजराल ने पत्र में दिल्ली पुलिस की उदासीनता पर सवाल उठाए. गुजराल ने कहा कि पुलिस ने बुधवार रात पूर्वोत्तर दिल्ली के मौजपुर इलाके में एक घर में फंसे 16 मुसलमानों की सहायता के लिए उनके अनुरोध पर कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि एक भीड़ उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही थी. उन्होंने कहा कि मैंने पुलिस को यह भी बताया कि मैं एक सांसद हूं फिर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने खत में लिखा, 'मैंने फोन पर वहां की अरजेंसी की जानकारी दी और ऑपरेटर को बताया कि मैं संसद सदस्य हूं. 11:43 बजे, मुझे दिल्ली पुलिस से पुष्टि मिली कि मेरी शिकायत संख्या 946603 के साथ प्राप्त हुई. हालांकि मुझे निराशा हुई जब मेरी शिकायत पर कोई कार्रवाई हुई और उन 16 व्यक्तियों को दिल्ली पुलिस से कोई सहायता नहीं मिली.

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ता दें कि इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने गुरुवार को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में अल्पसंख्यकों के जानमाल की रक्षा करने में दिल्ली पुलिस की निष्क्रियता 1984 के सिख विरोधी दंगों की याद दिलाती है. भाजपा की गठबंधन सहयोगी SAD के सांसद ने कहा था कि कोई भी 1984 की पुनरावृत्ति नहीं चाहता. दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को पत्र लिखने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के पुत्र नरेश गुजराल ने कहा था कि शहर के कुछ हिस्सों में अल्पसंख्यक ‘‘दहशत'' में हैं. उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस ने चूंकि उनके जान माल की रक्षा नहीं की तो यह ठीक वैसा ही है जो हमने 1984 में देखा था.'' सांसद ने अपनी शिकायत पर कथित तौर पर कार्रवाई न होने को लेकर दिल्ली पुलिस की निन्दा की थी.

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शिकायत में उन्होंने पुलिस से अल्पसंख्यक समुदाय के 16 लोगों की मदद के लिए आने का आग्रह किया था. गुजराल ने कहा ‘‘जब एक सांसद की शिकायत पर कार्रवाई नहीं होती तो अंदाज लगाया जा सकता है कि आम आदमी के साथ क्या होता होगा? कोई भी सभ्य भारतीय 1984 की पुनरावृत्ति नहीं चाहता.''

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बता दें कि दिल्ली में हुई हिंसा (Delhi Violence) की जांच के लिए स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (SIT) गठित की गई है. यह एसआईटी क्राइम ब्रांच की होगी. दिल्ली पुलिस के एडीशनल सीपी क्राइम बीके सिंह की अगुवाई में यह एसआईटी काम करेगी. क्राइम ब्रांच की एसआईटी की दो टीमें बनाई गई हैं जो मिलकर नार्थ-ईस्ट दिल्ली में हिंसा की जांच करेंगी. दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक मरने वालों की संख्या 38 हो गई है. हिंसा के मामलों में अब तक 48 एफआईआर दर्ज हुई हैं. इसके अलावा 20 और मामले दर्ज किए जा रहे हैं. करीब एक हजार सीसीटीवी फुटेज मिले हैं जिनकी जांच की जा रही है.

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