प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
देश के दो प्रमुख विश्वविद्यालयों दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में आज छात्र संघ चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. राजनीतिक रूप से सक्रिय दोनों विश्वविद्यालयों में करीब 35 उम्मीदवारों के चुनावी भविष्य का फैसला होगा. अधिकरियों ने दोनों विश्वविद्यालयों में मतदान के लिए तैयारियां कर ली हैं. हाल के महीनों में विश्वविद्यालय परिसरों में हुए विवादों की पृष्ठभूमि में यह चुनाव हो रहा है और लोगों की नजरें इस पर लगी हुई हैं.
नौ फरवरी की घटना की पृष्ठभूमि में जेएनयू के चुनाव पर इस बार विशेष रूप से नजर है. उस घटना में कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाए गए थे और जेएनयू के छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा दो अन्य को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली विश्वविद्यालय में मुख्य रूप से कांग्रेस से संबद्ध एनएसयूआई और आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी के बीच मुकाबला होता रहा है. हालांकि वाम से जुड़ा छात्र संगठन आइसा भी अपनी स्थिति मजबूत बनाने के लिए प्रयासरत है.
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त डीएस रावत ने कहा कि छात्र संघ के पदाधिकारियों के चार पदों के लिए कुल 17 उम्मीदवार मैदान में हैं. सात उम्मीदवार अध्यक्ष पद के लिए मैदान में हैं जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए चार उम्मीदवार हैं. विश्वविद्यालय के 51 कालेजों में स्थापित किए गए 117 मतदान केंद्रों में दो चरणों में मतदान कराए जाएंगे. रावत ने कहा कि मतदाताओं की कुल संख्या 1,23,246 है. रावत ने कहा कि 300 ईवीएम का उपयोग किया जाएगा और सुरक्षा के भी पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं. उन्होंने कहा कि शनिवार को दोपहर बाद नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे.
जेएनयू में सेंट्रल पैनल के लिए कुल 18 उम्मीदवार मैदान में हैं जहां मतदाताओं की संख्या करीब 8600 है. जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त इशिता माना ने कहा कि 18 उम्मीदवार सेंट्रल पैनल के लिए मैदान में हैं जबकि 79 उम्मीदवार विश्वविद्यालय के विभिन्न केंद्रों में काउंसलर पदों के लिए मैदान में हैं. भाकपा से जुड़ा एआईएसएफ इस बार चुनाव नहीं लड़ रहा है. कन्हैया कुमार इसी के सदस्य हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नौ फरवरी की घटना की पृष्ठभूमि में जेएनयू के चुनाव पर इस बार विशेष रूप से नजर है. उस घटना में कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाए गए थे और जेएनयू के छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा दो अन्य को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली विश्वविद्यालय में मुख्य रूप से कांग्रेस से संबद्ध एनएसयूआई और आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी के बीच मुकाबला होता रहा है. हालांकि वाम से जुड़ा छात्र संगठन आइसा भी अपनी स्थिति मजबूत बनाने के लिए प्रयासरत है.
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त डीएस रावत ने कहा कि छात्र संघ के पदाधिकारियों के चार पदों के लिए कुल 17 उम्मीदवार मैदान में हैं. सात उम्मीदवार अध्यक्ष पद के लिए मैदान में हैं जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए चार उम्मीदवार हैं. विश्वविद्यालय के 51 कालेजों में स्थापित किए गए 117 मतदान केंद्रों में दो चरणों में मतदान कराए जाएंगे. रावत ने कहा कि मतदाताओं की कुल संख्या 1,23,246 है. रावत ने कहा कि 300 ईवीएम का उपयोग किया जाएगा और सुरक्षा के भी पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं. उन्होंने कहा कि शनिवार को दोपहर बाद नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे.
जेएनयू में सेंट्रल पैनल के लिए कुल 18 उम्मीदवार मैदान में हैं जहां मतदाताओं की संख्या करीब 8600 है. जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त इशिता माना ने कहा कि 18 उम्मीदवार सेंट्रल पैनल के लिए मैदान में हैं जबकि 79 उम्मीदवार विश्वविद्यालय के विभिन्न केंद्रों में काउंसलर पदों के लिए मैदान में हैं. भाकपा से जुड़ा एआईएसएफ इस बार चुनाव नहीं लड़ रहा है. कन्हैया कुमार इसी के सदस्य हैं.
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