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This Article is From Jun 08, 2014

सोशल मीडिया कंटेंट के विश्लेषण के लिए सेंटर बनाएगी दिल्ली पुलिस

सोशल मीडिया कंटेंट के विश्लेषण के लिए सेंटर बनाएगी दिल्ली पुलिस
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया वेबसाइट पर डाली गई उकसाने वाली पोस्ट पर निगाह रखने और उसके किसी नकारात्मक परिणाम रोकने के वास्ते ऐसी वेबसाइट के कंटेंट के विश्लेषण के लिए एक समर्पित केंद्र स्थापित करने का फैसला किया है।

यह फैसला सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव की पृष्ठभूमि में किया गया है, जिसका समाज विरोधी तत्व दुरुपयोग कर सकते हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, इस तरह के केंद्र की स्थापना का एक प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है।

बहरहाल, वरिष्ठ अधिकारी ने इसके साथ ही साफ किया कि निगरानी प्रकृति में हस्तक्षेपकारी नहीं होगी और सिर्फ राष्ट्रीय राजधानी में खुले तौर पर उपलब्ध कंटेंट की निगरानी की जाएगी। नए कार्यक्रम के तहत, पुलिस फेसबुक और ट्विटर जैसी लोकप्रिय सोशल मीडिया साइट की निगरानी करेगी। अधिकारी ने यह भी बताया कि केंद्र पुलिस को आम अवाम का व्यापक मूड पता लगाने और विभिन्न मुद्दों पर लोगों की सोच समझने में मदद करेगा।

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, जैसे आज हम अखबारों को देखते हैं और समाचारों की कटिंग्स लेते हैं, उसी तरह हम सोशल मीडिया पर चीजों को पाने की कोशिश करेंगे। अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के पीछे विचार किसी उकसावेपूर्ण पोस्ट पर 'खतरे का निशान' लगाना है, जिनका नगर की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है।

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, आज के वक्त में, हम खुफियागीरी के पुराने तरीकों पर आश्रित नहीं रह सकते। आज लोग, खास तौर पर युवक अतीत के तरीकों से बहुत ही अलग ढंग से गोलबंद हो रहे हैं। केंद्र तीन से चार माह में वजूद में आ जाएगा। इसमें एक सर्वर होगा और इसके लिए सरकार से स्वीकृत सॉफ्टवेयर खरीदे जाएंगे। निगरानी प्रणाली का उपयोग करने के लिए दिल्ली पुलिस के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इस तरह की प्रणाली की स्थापना का विचार दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी का है। इस संबंध में तकरीबन एक महीना पहले पुलिस मुख्यालय में दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक की गई थी, जिसमें इस क्षेत्र के विशेषज्ञ ने उन्हें प्रस्तुति दी थी। अधिकारी ने बताया कि लंदन पुलिस ने भी 2011 में दंगों के बाद ऐसा ही एक निगरानी केंद्र स्थापित किया था। ऐसा माना जाता है कि दंगाइयों ने आपस में संचार के लिए और हमलों की योजना बनाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग किया था।

अधिकारी ने कहा, हमारी प्रणाली फिलहाल उतनी व्यापक नहीं होगी जैसी लंदन पुलिस इस्तेमाल कर रही है, लेकिन अगर तजुर्बा कामयाब रहता है, तो हम भविष्य में उसे सुदृढ़ कर सकते हैं।

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