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This Article is From Aug 02, 2015

'कोल टैक्स' वसूलने वाला झारखंड का डॉन पुलिस के शिकंजे में

'कोल टैक्स' वसूलने वाला झारखंड का डॉन पुलिस के शिकंजे में
विकासनाथ तिवारी पर हत्या और जबरन उगाही के दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: 28 साल का विकासनाथ तिवारी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़कर भागने की फिराक में ही था कि उसे चेम्सफोर्ड रोड से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया। विकास झारखंड के रामगढ़ का रहने वाला है। उस पर हत्या और जबरन उगाही के दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं।

कोर्ट परिसर में की थी 3 लोगों की हत्या
दिल्ली पुलिस के मुताबिक 2 जून 2015 को सुबह विकास ने अपने 2 शूटरों के साथ मिलकर अपनी विरोधी गैंग के सरगना सुशील श्रीवास्तव और उसके 2 गुर्गों की हत्या हजारीबाग कोर्ट परिसर में कर दी थी। विकास ने AK-47 से श्रीवास्तव को 30 गोलियां मारीं। फायरिंग में एक पुलिसकर्मी और एक शख्स भी घायल हो गया था।

दो दशक पुराना गैंगवार
पुलिस का कहना है कि 90 के दशक में सुशील श्रीवास्तव और भोला पांडे नाम के दो गैंग थे, जो झारखंड के कई जिलों में कोयला कारोबारियों से जबरन वसूली करते थे। वसूली के इस धंधे में पांडे के बढ़ते वर्चस्व को देखते हुए सुशील श्रीवास्तव गैंग ने एक-एक कर पांडे गैंग के गुर्गों को मारना शुरू किया।

इसी दौरान 2006 में विकास तिवारी भोला पांडे और उसके भाई किशोर पांडे के संपर्क में आ गया। उस समय पांडे गिरोह का हजारीबाग इलाके में खासा दबदबा था। विकास ने आते ही सुशील श्रीवास्तव गैंग के गुर्गे लालतू की हत्या कर दी। सन 2008 में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। डेढ़ साल जेल में रहने के बाद जब वह बाहर निकला तो पांडे गैंग में उसे एक भरोसेबंद शार्प शूटर के तौर पर देखा जाने लगा, लेकिन इसी बीच श्रीवास्तव गैंग ने भोला पांडे की हत्या कर दी ।

उसके बाद विकास तिवारी और किशोर पांडे ने मिलकर श्रीवास्तव गैंग के कई गुर्गों की हत्याएं कीं। इन हत्याओं से तिलमिलाए सुशील श्रीवास्तव ने जेल में बैठकर किशोर पांडे की हत्या की साजिश रची और 2014 में श्रीवास्तव गैंग ने जमशेदपुर में किशोर पांडे की उस समय हत्या कर दी जब वह अपने परिवार से मिलने जा रहा था। इसके बाद विकास को लगा कि अगर उसने सुशील श्रीवास्तव को नहीं मारा तो श्रीवास्तव गैंग उसे मार देगी।

सुशील श्रीवास्तव की हत्या करने के लिए विकास ने शूटर राज सिंह और प्रदीप पासवान से हाथ मिलाया। राज सिंह को इसके लिए 30 लाख रुपए दिए गए। प्रदीप पासवान के लिए AK-47 की व्यवस्था की गई। हत्याओं को अंजाम देने के बाद विकास अपने शूटरों के साथ भाग गया था, लेकिन पुलिस ने उसके पिता शंभूनाथ को हत्याकांड की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।

कोयला व्यापारियों से जबरन वसूली
पुलिस के मुताबिक विकास तिवारी का झारखंड के रांची, हजारीबाग और रामगढ़ जिले में खौफ है। उसे कोयला व्यापारियों से जबरन वसूली का किंग कहा जाता है। उस पर जबरिया वसूली के दर्जनों मुकदमें दर्ज हैं।

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