दिल्ली:
सरकार ने सोमवार को अन्ना हजारे को अनिश्चितकालीन अनशन की अनुमति नहीं दिए जाने के दिल्ली पुलिस के फैसले को उचित ठहराया और कहा कि कानून सभी के लिए बराबर है और राजनीतिक दलों को भी आंदोलन करने के लिए इजाजत लेनी होती है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा, मैं किसी के भी बारे में सख्त चीजें नहीं बोलना चाहती। कानून सभी के लिए समान है। चाहे यह कांग्रेस हो, कोई अन्य राजनीतिक दल हो या कोई व्यक्ति हो, हम सभी को विरोध या मार्च निकालने के लिए कानून व्यवस्था तंत्र से अनुमति लेनी होती है। उन्होंने कहा, अगर कोई जानबूझकर इसका उल्लंघन करने का प्रयास करता है तो कानून व्यवस्था से संबंधित संस्थाओं को कार्रवाई करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि सभी को विरोध करने का अधिकार प्राप्त है लेकिन कानून व्यवस्था तथा अन्य बातों को ध्यान में रखते हुए अनुमति मांगनी होती है। सोनी ने अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल के उस आरोप को भी खारिज कर दिया कि नेताओं के इशारे पर पुलिस ने उनपर शर्तें लगाई हैं। जो भी व्यक्ति इस तरह का आरोप लगा रहा है वह जानबूझकर गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। सूचना प्रसारण मंत्री ने कहा कि अगर कोई भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहता है तो उसके लिए कोई तंत्र विकसित खड़ा करना पड़ेगा। उन्होंने आश्चर्य जताया कि इस तरह की बदहवासी क्यों है। जब हम ऐतिहासिक उपाय (लोकपाल बिल लाकर) करने जा रहे हैं तो हम इंतजार क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि जब यह विधेयक संसद में आएगा तो इस विधेयक पर सांसद भी अपनी राय रखेंगे। देखिए वे क्या सुझाव देते हैं और क्या संशोधन लाते हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं