यह ख़बर 01 फ़रवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

दिल्ली में बिजली गुल होने की आशंका, एनटीपीसी ने बिजली आपूर्ति रोकने का नोटिस दिया

नई दिल्ली:

दिल्ली के 70 फीसदी से ज्यादा इलाकों में बिजली गुल होने का संकट मंडराने लगा है। सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने बकाया भुगतान समस्या को लेकर दिल्ली की बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस राजधानी और यमुना को नोटिस देकर 11 फरवरी तक बकाया भुगतान करने को कहा है।

एनटीपीसी ने कहा है कि बीएसईएस राजधानी पर कुल 179 करोड़ रुपए का बकाया है और वह 271 करोड़ रुपए राशि का साखपत्र बरकरार नहीं रख पाई है। एनटीपीसी के विद्युत केंद्रों से आपूर्ति जारी रखने के लिए इस तरह का साखपत्र जरूरी है।

अगर ये कंपनियां निर्धारित समय के भीतर अपनी बकाया राशि का भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी दिल्ली में बिजली की भारी कटौती की आशंका है।

इससे पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली कंपनियों द्वारा पैसे की कमी का हवाला देते हुए बिजली कटौती की घोषणा की आलोचना करते हुए कहा कि बिजली कंपनियों पर कैग रिपोर्ट में सब सच सामने आ जाएगा। (पढ़ें)

गौरतलब है कि दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में बिजली की भारी कटौती की धमकी के बीच दिल्ली विद्युत नियामकीय आयोग (डीईआरसी) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की दरें 8 प्रतिशत तक बढ़ा दी है। डीईआरसी के चेयरमैन पीडी सुधाकर ने बताया कि ईंधन लागत समायोजन से अधिभार में बढ़ोतरी हुई है, जो बीएसईएस यमुना पावर के लिए 8 फीसदी, बीएसईएस राजधानी के लिए 6 फीसदी और टाटा पॉवर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के लिए 7 फीसदी है। (पढ़े)

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वहीं, केजरीवाल ने शुक्रवार को बीएसईएस बिजली कंपनी पर दिन में 10 घंटे तक बिजली कटौती की चेतावनी पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था और आगाह किया कि लाइसेंस रद्द करने सहित कड़ा कदम उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि टाटा और अंबानी ही देश में बिजली वितरण का काम नहीं करते हैं। सरकार अन्य कंपनियों को भी प्रवेश देने की इच्छुक है। गौरतलब है कि इस समय दिल्ली में वितरण का काम टाटा समूह और अंबानी समूह की कंपनियों के पास है।