हरिद्वार, बनारस में गंगाआरती की तर्ज पर 13 नवंबर से यमुना घाट पर महाआरती

हरिद्वार, बनारस में गंगाआरती की तर्ज पर 13 नवंबर से यमुना घाट पर महाआरती

यमुना की हालत खराब है...

नई दिल्ली:

दिल्ली में 13 नवंबर भाई दूज के दिन से यमुना नदी के घाट पर अब हरिद्वार और बनारस के गंगा घाट की तर्ज पर रोज़ शाम को आरती हुआ करेगी। आईएसबीटी के पास यमुना नदी के कुदसिया घाट से इसकी शुरुआत होगी

13 नवंबर से यमुना के कुदसिया घाट पर आरती
दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा के मुताबिक़, 13 नवंबर को भैया दूज के दिन यमुना के कुदसिया घाट पर हमलोग आरती करेंगे, जिसमें सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर ये कार्यक्रम किया जा रहा है। प्लान ये है कि अब दिल्ली के लोगों को अब यमुना के तट पर लाना है यमुना को आकर देखें यमुना के दर्द को समझें और संकल्प लेकर जाएं कि इस नदी को साफ़ करना है तो उसी में यमुना में आरती करना एक कार्यक्रम है।

रोजाना हुआ करेगी आरती
कपिल मिश्रा के मुताबिक, ये आरती रोजाना हुआ करेगी, रविवार को बड़ी आरती और बड़े त्योहारों पर महाआरती हुआ करेगी और बिलकुल वैसे ही होगी जैसी हरिद्वार और बनारस में गंगा के घाट पर हुआ करती है।

गंदगी से पटे पड़े हैं घाट
कपिल मिश्रा से जब पूछा गया कि यमुना नदी और उसके घाट गंदगी से पटे पड़े हैं, ऐसे में कैसे लोग यमुना नदी में आरती के लिए आएंगे या फिर आचमन या नहाने के लिए यहां आएंगे? तो इस पर कपिल मिश्रा ने कहा कि मुझे लगता है कि अब लोगों को नदी किनारे आना होगा और देखना होगा कि जिसको हम मां कहते हैं उस नदी की हमने क्या हालत की है और ये संकल्प लेकर जाना होगा कि अब इसे ठीक करेंगे।

सैलानियों को आकर्षित करने के लिए अच्छा कदम
पर्यटन के जानकार सुभाष गोयल के मुताबिक़, सैलानियों को आकर्षित करने का यह एक अच्छा कदम है, क्योंकि देश ही नहीं विदेशों से सैलानी खासतौर से हिन्दू धर्म के बारे में जानने के लिए आते हैं, जो घाटों पर होने वाली आरती में विशेष रुचि लेते हैं।

साथ ही अगर नदी के किनारे कोई मैदान बन जाए शाम को घूमने के लिए और कोई एम्यूजमेंट पार्क बन जाए तो जो टूरिस्ट केवल कुछ समय दिल्ली में रुककर आगरा या जयपुर चला जाता है वह फिर दिल्ली में रुकेगा

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सुभाष गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार को चाहिए कि आरती का जो भी रूट हो या जो भी घाट वहां बनाएं वहां सफाई होनी चाहिए। भीख मांगने वाले लोग सैलानियों को परेशान ना करें। बारिश में भी लोगों के बैठने की सुविधा होगी तो आरती सफल होगी।