दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामला: केंद्र ने SC से कहा- एलजी फाइलों पर नहीं बैठे हैं

दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में केंद्र ने अरविंद केजरीवाल सरकार के इस आरोप का खंडन किया कि उपराज्यपाल इसके प्रस्तावों और फाइलों पर बैठे हुए हैं.

दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामला: केंद्र ने SC से कहा- एलजी फाइलों पर नहीं बैठे हैं

फाइल फोटो

खास बातें

  • दिल्ली सरकार के आरोपों पर केंद्र सरकार का पलटवार.
  • सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा- एलजी फाइलों पर बैठे नहीं हैं.
  • दिल्ली सरकार के 96 फीसदी फैसलों को एलजी ने तुरंत दी मंजूरी.
नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में सुनवाई के दौरान केंद्र ने अरविंद केजरीवाल सरकार के इस आरोप का बुधवार को उच्चतम न्यायालय में खंडन किया कि उपराज्यपाल इसके प्रस्तावों और फाइलों पर बैठे हुए हैं. साथ ही, केंद्र ने कहा कि दिल्ली सरकार के 96 फीसदी फैसलों को एलजी ने दो-तीन दिनों के अंदर मंजूरी दी है.

केंद्र सरकार ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय एक संविधान पीठ से कहा कि दिल्ली सरकार कामकाज नियम यह प्रावधान करता है कि शहर की सरकार का हर प्रस्ताव या फैसला मंजूरी के लिए एलजी के पास पेश किया जाएगा. केंद्र का प्रतिनिधित्व अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल (एएसजी) मनिंदर सिंह ने किया.

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पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति एके सीकरी, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी शामिल हैं. पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास संविधान की राज्य और समवर्ती सूची के विषयों पर केंद्र के समान ही कार्यकारी शक्तियां हैं जहां राज्य विधानसभा कानून बनाने के लिए भी अधिकार प्राप्त है.

एलजी की ओर से देर किए जाने के आरोपों का जवाब देते हुए एएसजी ने कहा कि पिछले तीन साल में 96 फीसदी फाइलों या प्रस्तावों को एलजी ने दो - तीन दिनों के अंदर मंजूरी दी है. सिंह ने कहा कि यह मुख्यमंत्री और मंत्रीपरिषद का दायित्व है कि वह हर फाइल या प्रस्ताव को एलजी के पास भेजे। एलजी हवा में काम नहीं कर सकते. उन्हें अपने दिमाग का इस्तेमाल करना होगा कि किसी प्रस्ताव पर सहमत होना है या असहमत होना है.

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उन्होंने कहा कि विचारों में मतभेद होने की स्थिति में मुद्दे को आखिरी फैसले के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. शीर्ष न्यायालय आप सरकार की कुछ अपीलों पर सुनवाई रही थी जो दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए दायर की गई थी. दरअसल, उच्च न्यायालय ने एलजी को दिल्ली का प्रशासनिक प्रमुख करार दिया था. बहरहाल, दलीलें बेनतीजा रहीं और यह कल भी चलेंगें.

VIDEO: नेशनल रिपोर्टर : SC ने भी LG को ही माना 'दिल्ली का बॉस' (इनपुट भाषा से)
 


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