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This Article is From Jun 03, 2015

ख़तरे में सेहत! दिल्ली में 15 दिनों के लिए मैगी पर बैन, केरल में तय सीमा के भीतर पाया गया सीसा

ख़तरे में सेहत! दिल्ली में 15 दिनों के लिए मैगी पर बैन, केरल में तय सीमा के भीतर पाया गया सीसा
नई दिल्ली: मैगी नूडल की गुणवत्ता को लेकर देशभर में कई सवाल उठ रहे हैं। कई राज्यों से नेस्ले के इस बहुचर्चित ब्रांड के सैंपल इकट्ठा किए गए हैं। इस बीच दिल्ली में मैगी पर 15 दिनों की रोक लग चुकी है। साथ ही उत्तराखंड में भी मैगी पर पाबंदी लगाई गई है।

लेकिन केरल और चंडीगढ़ में मैगी के सैंपल जांच में सही पाए गए। यूपी से लिए गए नमूनों में मैगी में तय मात्रा से 17 गुना ज्यादा लेड यानी सीसा पाया गया, पैकेट में जिक्र ना होने के बावजूद भी मैगी के मसाले में MSG पाए जाने का आरोप लगा है।

लोकप्रिय मैगी नूडल्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली सरकार ने बुधवार को से 15 दिन के लिए राजधानी में इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया और स्विस कंपनी नेस्ले की भारतीय शाखा नेस्ले इंडिया से मौजूदा स्टाक को बाजार से वापस मंगाने को कहा है।

इस फैसले की घोषणा करते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि मैगी के ताजा स्टाक की जांच की जाएगी और उसके बाद फैसला किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार शहर में उपलब्ध अन्य सभी ब्रांड के नूडल्स की भी जांच कराएगी और उसकी रिपोर्टों के आधार पर कार्रवाई करेगी।

जैन ने कहा, 'सरकार ने 15 दिन के लिए मैगी नूडल्स पर प्रतिबंध लगाया है। हमने नेस्ले इंडिया से 15 दिन के भीतर मैगी के स्टॉक को वापस मंगाने को कहा है। हम ताजा स्टॉक की लैब में जांच करेंगे और उसके बाद उसी के हिसाब से फैसला किया जाएगा।'

नेस्ले इंडिया के कई शीर्ष अधिकारियों द्वारा सत्येन्द्र जैन को इस मुद्दे पर अपनी स्थिति बताए जाने के करीब दो घंटे बाद यह फैसला आया।

जैन ने कहा कि सरकार खाद्य मिलावट अधिनियम के प्रावधानों के तहत नेस्ले इंडिया के खिलाफ अदालत में मामला दायर करेगी और स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर 'समझौता नहीं करेगी।' कल दिल्ली सरकार ने कहा था कि उसने पाया है कि मैगी नूडल्स खाने के लिए 'सुरक्षित नहीं' है क्योंकि मैगी मसाला में सीसे की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक है।

अधिकारियों के अनुसार, मैगी के मसाले के कुल 13 नमूने प्रशासन ने पिछले सप्ताह शहर के विभिन्न स्थानों से लिए थे, जिनमें से 10 असुरक्षित पाए गए।

पांच नमूनों में मोनोसोडियम ग्लूटामेट के बारे में लेबल पर पर्याप्त जानकारी नहीं थी जो उत्पाद की गलत ब्रांडिंग के तहत एक अपराध है।

केरल और हरियाणा सहित कई राज्यों ने मैगी मुद्दे पर कदम उठाए हैं। खाद्य सुरक्षा मापदंडों में कथित खामियों की जांच का दायरा पहले ही देशभर से एकत्रित मैगी नूडल्स के नमूनों की जांच तक बढ़ा दिया गया है।

सेना ने परामर्श जारी कर सैनिकों से मैगी नूडल्स नहीं खाने को कहा है। आर्मी कैंटीन को भी अगले आदेश तक मैगी नूडल्स की बिक्री नहीं करने का निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

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