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This Article is From Sep 10, 2013

दिल्ली गैंगरेप : सिर उठाकर बात नहीं कर पा रहे हैं दोषी के परिजन

औरंगाबाद: गत 16 दिसंबर को 23 वर्षीय एक छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए चार दोषियों में से एक अक्षय कुमार के परिवार के सदस्य अदालत का आदेश सुनने के बाद रो पड़े और उम्मीद जताई कि बुधवार को जब सजा सुनाई जाएगी तो भगवान उनपर रहम करेंगे।

इस मामले में अदालत द्वारा अक्षय को दोषी ठहराए जाने की खबर मिलने पर बिहार के औरंगाबाद जिला के तंडवा थाना अंतर्गत लाहनकर्मा गांव स्थित उसके घर में मौजूद पिता, मां, पत्नी सहित परिवार के अन्य सदस्य रोने लगे।

मीडियाकर्मियों ने अक्षय की मां को आंसूभरी आंखों से यह कहते हुए सुना कि भगवान मेरे पुत्र को लौटा दीजिए। अक्षय की मां बार-बार यह कह रही थी कि उनका बेटा ऐसा घिनौना अपराध नहीं कर सकता है, उसे जीने दें।

मीडियाकर्मियों से यह पता चलने पर कि अक्षय को दोषी ठहराया गया है, ठाकुर के पिता सरयू सिंह मां मालती देवी, पत्नी पुनिता देवी जो कि अपने दो वर्षीय पुत्र को गोद में लिए हुई थी, भाई अभय कुमार और विनय कुमार के मुंह से शब्द नहीं निकल रहे थे।

जब मीडियाकर्मियों ने अक्षय के छोटे भाई विनय कुमार से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने कहा कि कृपा करके हमें अकेला छोड दीजिए, हम बात करने की स्थिति में नहीं हैं।

अक्षय के दोनों भाई गुड़गांव में एक निजी कंपनी में काम करते हैं, लेकिन वे इस समय घर चले आये हैं, ताकि अदालत का फैसला आने के समय वे परिवार के साथ ही रहें।

अक्षय कुमार को इस मामले में पुलिस द्वारा उसके लाहनकर्मा गांव स्थित घर से गिरफ्तार किया गया था। 16 दिसंबर 2012 को घटित इस घटना में अक्षय की संलिप्तता की बात सामने आने के बाद से अक्षय के पिता ने खेतों में जाना छोड़ दिया था।

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