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This Article is From Feb 12, 2020

AAP के पांचों मुस्लिम उम्मीदवारों ने मारी बाजी, कांग्रेस प्रत्याशियों की जमानत हुई जब्त

दिल्ली विधानसभा चुनाव के मंगलवार को आए नतीजों से लगता है कि राष्ट्रीय राजधानी में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की पहली पसंद अरविंद केजरीवाल नीत आम आदमी पार्टी (आप) ही रही.

AAP के पांचों मुस्लिम उम्मीदवारों ने मारी बाजी, कांग्रेस प्रत्याशियों की जमानत हुई जब्त
दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद AAP पार्टी में खुशी में लहर- फाइल फोटो
नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव के मंगलवार को आए नतीजों से लगता है कि राष्ट्रीय राजधानी में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की पहली पसंद अरविंद केजरीवाल नीत आम आदमी पार्टी (आप) ही रही. आप ने मटिया महल, सीलमपुर, ओखला, बल्लीमारान और मुस्तफाबाद से मुस्लिम समाज के प्रत्याशियों पर भरोसा जताया था. वहीं, कांग्रेस ने भी इन पांचों सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे. आप के सभी पांच मुस्लिम उम्मीदवार बड़े अंतर से जीते हैं, जबकि कांग्रेस के पांचों मुसलमान प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है.

----- दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम -----

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ओखला से आप उम्मीदवार एवं दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्ला खान को 130,367 (66.03 प्रतिशत) वोट मिले हैं. उन्होंने भाजपा के ब्रह्म सिंह को लगभग 71, 827 मतों से पराजित किया है, जबकि इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर चार बार विधानसभा पहुंचे और फिर राज्यसभा सदस्य भी रहे परवेज़ हाशमी को महज़ 5,123 (2.59 फीसदी) वोट मिले हैं. शाहीन बाग का इलाका ओखला विधानसभा क्षेत्र में ही आता है, जहां करीब दो महीने से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) के खिलाफ महिलाओं सहित बड़ी संख्या में लोग धरने पर बैठे हुए हैं.

वहीं, 2013 तक कांग्रेस का गढ़ रही सीलमपुर सीट से आप प्रत्याशी अब्दुल रहमान को 72,694 (56.05 फीसदी) वोट मिले हैं. वह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के कौशल कुमार मिश्रा से 36,920 वोटों से जीत गए हैं. वहीं, 1993 से 2015 तक लगातार विधायक रहे कांग्रेस के उम्मीदवार चौधरी मतीन अहमद तीसरे नंबर पर रहे. उन्हें 20,247(15.61 प्रतिशत) वोट मिले. दिल्ली सरकार में मंत्री और बल्लीमारान से आप उम्मीदवार इमरान हुसैन का भी अल्पसंख्यक समुदाय ने पूरा साथ दिया, जबकि कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे हारून यूसुफ तीसरे नंबर पर रहे. हुसैन को 65,644 (64.65 फीसदी) वोट मिले और वह भाजपा की उम्मीदवार लता से 36,172 वोटों के अंतर से जीत गए.

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वहीं, 1993 से 2015 तक इसी सीट से विधायक रहे यूसुफ को मात्र 4,802 (4.73 प्रतिशत) वोट मिले हैं. इस बार मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से आप उम्मीदवार हाजी युनूस ने जीत दर्ज की है. पिछली बार यहां से भाजपा के जगदीश प्रधान जीते थे. युनूस को 98,850 (53.2 प्रतिशत) वोट मिले हैं और वह भाजपा उम्मीदवार प्रधान से 20,704 वोटों से जीते हैं. इस सीट से 2008 और 2013 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीतने वाले हसन अहमद के बेटे अली महदी को 5,363 (2.89 प्रतिशत) वोट मिले हैं. मटिया महल सीट से आप उम्मीदवार शुऐब इकबाल को 67,282 (75.96 प्रतिशत) वोट मिले हैं. चुनाव से ठीक पहले पार्टी में शामिल हुए इकबाल भाजपा के रविंद्र गुप्ता से 50,241 मतों से विजयी हुए हैं.

वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार मिर्ज़ा जावेद अली को 3,409 (3.85 प्रतिशत) वोट मिले हैं. मटिया महल सीट पर 1993 से कभी भी कांग्रेस नहीं जीती है. यहां से अलग-अलग पार्टियों के टिकट पर इकबाल ही जीतते आए, लेकिन 2015 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे इकबाल को हार का मुंह देखना पड़ा था. इस बार उन्होंने आप के टिकट पर चुनाव लड़ा है और छठी बार विधानसभा पहुंचे हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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