केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिजली गुल हो गई
नई दिल्ली:
दिल्ली में प्रचंड गर्मी के कारण बिजली की मांग ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया है। दिल्ली में शुक्रवार को बिजली की पीक डिमांड 6188 मेगावाट पहुंच गई जो कि अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। इससे पहले गुरुवार को ही बिजली की मांग ने पहली बार 6 हज़ार का आंकड़ा पार करते हुए 6044 मेगावाट का नया रिकॉर्ड बनाया था। दिल्ली सरकार औपचारिक रूप से इस मामले पर सामने नहीं आई है लेकिन सरकार के सूत्र कह रहे हैं की बिजली की कमी नहीं है बल्कि बिजली सरप्लस में है। सूत्रों का कहना है कि स्थानीय गड़बड़ी जैसे ट्रांसफार्मर खराब होना, बिजली लाइन में आग लगने के कारण बिजली सप्लाई में दिक्कत आ रही है।
2 बार बत्ती गुल
दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली में केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 2 बार बत्ती गुल हो गई। काफी देर तक चली इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बार तकरीबन एक मिनट के लिये और दूसरी बार तकरीबन डेढ़ मिनट के लिए बिजली चली गई। खास बात ये है कि ये प्रेस कॉन्फ्रेंस बिजली के मुद्दे पर ही हो रही थी।
इस बारे में जानकारी देते हुए सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के लक्ष्मी नगर के विधायक नितिन त्यागी ने कहा कि 'मेरे विधान सभा क्षेत्र में कई ऐसे इलाके हैं जहाँ पिछले 4 दिन से मरम्मत कार्य के चलते रोज़ 4-5 घंटे बिजली जा रही है।' आपको बता दें कि दिल्ली में पिछले कई सालों से बिजली की पीक डिमांड गर्मी में 5000-5500 मेगावाट तक पहुंचती थी लेकिन समय के साथ आबादी, आबादी के पास संसाधन बढ़ते चले गए लेकिन बिजली का बुनियादी ढांचा सालों से वैसा ही है जो की इस समस्या का एक कारण ज़रूर है।
2 बार बत्ती गुल
दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली में केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 2 बार बत्ती गुल हो गई। काफी देर तक चली इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बार तकरीबन एक मिनट के लिये और दूसरी बार तकरीबन डेढ़ मिनट के लिए बिजली चली गई। खास बात ये है कि ये प्रेस कॉन्फ्रेंस बिजली के मुद्दे पर ही हो रही थी।
इस बारे में जानकारी देते हुए सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के लक्ष्मी नगर के विधायक नितिन त्यागी ने कहा कि 'मेरे विधान सभा क्षेत्र में कई ऐसे इलाके हैं जहाँ पिछले 4 दिन से मरम्मत कार्य के चलते रोज़ 4-5 घंटे बिजली जा रही है।' आपको बता दें कि दिल्ली में पिछले कई सालों से बिजली की पीक डिमांड गर्मी में 5000-5500 मेगावाट तक पहुंचती थी लेकिन समय के साथ आबादी, आबादी के पास संसाधन बढ़ते चले गए लेकिन बिजली का बुनियादी ढांचा सालों से वैसा ही है जो की इस समस्या का एक कारण ज़रूर है।
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